Chandauli News: पूजे गए वैभव और धन ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम देव गणेश, घर में की गयी फूल मालाओ और रंगोली से सजावट.

Story By: संदीप कुमार, बड़ा बाबू, डीडीयू नगर।
चंदौली। चौदह वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम, लक्ष्मण, सीता के अयोध्या वापसी की खुशी में लोगों ने हर्षोल्लास के साथ दीपावली का पर्व मनाया और रोशनी से जिले का हर एक कोना जगमगा उठा। दीपावली पर दीये और विद्युत झालरोंं से घर और गलियों को पूरी तरह सजाया गया।

शुभ मुहुर्त में लोगों ने वैभव और धन-ऐश्वर्य की देवी माता लक्ष्मी और प्रथम पूज्य गणेश की पूजा अर्चना की और मिष्ठान का भोग लगाया। इसके बाद लोगों ने खूब आतिशबाजी की। कार्तिक अमावस्या का मान दो दिन होने के कारण कुछ स्थानों पर शुक्रवार को भी दीपोत्सव मनाया जाएगा। हालांकि जिले में गुरुवार को ही दीपोत्सव मनाया जा रहा है।

पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरूआत धनतेरस को हो गई थी। दीपावली पर घरों को सजाने का क्रम भी पिछले लंबे समय से चल रहा था। दीपावली की सुबह से ही शाम के पूजन अर्चन की तैयारी शुरू हो गई। घरों की साफ सफाई के बाद फूल-माला और रंगोली से घरों को सजाया। शाम के वक्त शुभ मुहुर्त में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित की और पुरोहितों को बुलाकर विधि विधान से पूजन अर्चन किया।

देव विग्रहों को लावा, लाई, चुडा, बतासे और मिठाइयों का भोग लगाया। फूल माला, धूप दीप से शृंगार के बाद भव्य आरती उतारकर पूजन अर्चन किया। घरों में घरौंदा बनाकर कुल्हिया, चुकिया, ग्वालिन, खिलौनों को लाई, बतासोंं से भरा और पूरे घर को दीप से जलाया। पूजन अर्चन के बाद घर की छतों, दरवाजों पर दीप मालाओ से सजाया। दीप मालिका के साथ घरों की छतों पर लगाए गए विद्युत झालरों को शाम को ही जलाया गया। इससे पूरा इलाका रोशनी से नहा उठा।

दीपक की लौ और विद्युत झालरों की लड़ियों की टिमटिमाती रोशनी से आसमान के तारे भी शरमाते नजर आए। पूजन अर्चन के बाद प्रसाद के रूप में मिठाइयों का स्वाद चखा। यही नहीं एक दूसरे के घरों में भी प्रसाद और मिठाइयों बांटी गई और एक दूसरे को दीपावली की शुभकमानाएं दी।

इसके बाद घर के युवा, बुजुर्ग, महिलाएं सभी घर की छतों और दरवाजों पर एकत्र हो गए और आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ। आतिशबाजी का दौर शाम छह बजे से शुरू हुआ और रात दो बजे तक चलता रहा। आसमान रंग बिरंगी फूलझड़ियों से रोशन रहा, वहीं लोगों ने राकेट, अनार, चरखी, बिजली बम, आलू बम सहित अन्य पटाखों को छूडाकर आनंद उठाया।

दुकानों में भी दिन भर दुकानदारी के बाद देर शाम पुरोहितों को बुलाकर पूजन अर्चन कराया गया। नया बही खाता की शुरूआत कराई और तुला पूजन, कुबेर पूजन के बाद शुभ के प्रतीक स्वास्तिक का निशान दरवाजे पर लगाया। इसकी पूजा अर्चना की और दूसरे को मिठाई खिलाकर दीपावली की शुभकामना दी।