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Sonbhadra News: बिना एनओसी के ही संचालित हो रहे तमाम नर्सिंग होम और क्लिनिक.

Story By: संगम पांडेय, सोनभद्र।

सोनभद्र।

नर्सिंग होम और क्लिनिक की संचालन के लिए अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य होता है। लेकिन विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो जनपद के 20 फीसदी से अधिक नर्सिंग होम एवं क्लिनिक बिना एनओसी के संचालित हो रहे हैं। इन नर्सिंग होमों में मानक के अनुरूप अग्निशमन यंत्र तथा सुरक्षा से संबंधित उपकरण उपलब्ध नहीं हैं। इतना ही नहीं अधिकांश नर्सिंग होम मानक के वितरीत भी संचालित हो रहे हैं, जहां यदि कोई हादसा हो जाए तो वहां तक अग्निशमन विभाग के वाहन तक नहीं पहुंच पाएंगे। स्वास्थ्य विभाग की सूत्रों की मानें तो रॉबर्ट्सगंज, घोरावल व दुद्धी तहसील क्षेत्र में लगभग 50 नर्सिंग होम और 40 क्लिनिक संचालित हो रहे हैं। राबर्ट्सगंज एवं आसपास इलाके में ही करीब डेढ़ दर्जन नर्सिंग होम, उतने ही क्लिनिक संचालित हो रहे है। 20 प्रतिशत से अधिक नर्सिंग होम, क्लिनिक दमकल विभाग से बगैर एनओसी लिए खुल गए हैं, जो नियमों को दरकिनार कर संचालित हो रहे। अस्पतालों में आग बुझाने से संबंधित प्रर्याप्त उपकरण नहीं है। इतना ही नहीं गलियों में कई क्लिनिक संचालित हो रही है, यहां आग लगने पर दमकल वाहन नहीं पहुंच सकेंगे। उधर ओबरा, चोपन, रेणुकूट, घोरावल, दुद्धी, बभनी, कोन समेत अन्य क्षेत्रों में अग्निशमन विभाग से बिना एनओसी लिए क्लिनिक और नर्सिंग होम चल रहे हैं। प्रभारी अग्निशमन अधिकारी का कहना है कि कई बार सभी निजी अस्पताल और क्लिनिक के संचालकों को एनओसी लेने के लिए कहा गया है, लेकिन दर्जनों संचालकों ने अभी तक नहीं लिया है। उच्चाधिकारियों के निर्देश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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