Chandauli News: रेल कर्मचारी पर बंदरों के झुंड ने हमला बोल किया लहुलुहान, बंदरों के दहशत से रेलकर्मी के परिवार ने ली दूसरे क्वार्टर में शरण.

Story By: संदीप कुमार, बड़ा बाबू, डीडीयू नगर।
चंदौली। डीडीयू स्टेशन पर बंदरों के धमा-चौकड़ी से यात्री व कर्मचारी दहशत में हैं। जब से महाकुंभ आरंभ हुआ है, स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ बढ़ने से बंदरों का रुख रेलवे कालोनियों और गांवों की ओर हो गया है। वही वीवीआईपी यूरोपियन कालोनी में शनिवार की शाम बंदरों का एक जत्था एक रेलवे क्वार्टर में हमला कर दिया, जिससे 40 वर्षीय रेल कर्मचारी बुरी तरह से ज़ख़्मी हो गए। आनन-फानन में लोगों ने उसे रेलवे लोको अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे बीस टांके लगाए गए। उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।

आपको बता दें कि 13 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो गया, जिससे डीडीयू रेलवे स्टेशन पर दिनों दिन यात्रियों की भीड़ बढ़ने लगी। मौनी अमावस्या पर स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं रही, जिससे बंदर खाने-पीने से वंचित होने लगे। धीरे-धीरे इनका पलायन रेलवे कॉलोनी और आसपास के गांव में होने लगा। शनिवार की शाम बंदरों का एक जत्था वीवीआईपी यूरोपियन कालोनी के क्वार्टर नंबर 80 बी चर्च के पीछे पहुंच गया। छत से आंगन के रास्ते बंदर क्वार्टर में आ गए।

तभी रेल कर्मचारी गोरखनाथ चौधरी बंदरों को भगाने लगा। अंदर का दरवाजा खोलकर जैसे ही वह आंगन में आया, तभी बंदर उस पर टूट पड़े, जिससे रेल कर्मचारी के दोनों हाथ, गर्दन, पीठ पर काटकर लहू-लुहान कर दिया। बंदर से बचाव के चक्कर में गोरखनाथ जमीन पर गिर पड़ा। बेबस रेल कर्मचारी ने हिम्मत करके उठकर बंदरों को बाहर फेंक दिया। तब तक शोर-गुल सुनकर उसकी पत्नी आ गई।

रेल कर्मचारी ने दौड़कर अंदर कमरे में जाकर गेट बंद कर दिया। तब जाकर गोरखनाथ की जान बची। रेल कर्मचारी ने इसकी सूचना फोन से आसपास के लोगों को दी। भुक्तभोगी ने इसकी सूचना मुगलसराय कोतवाली पुलिस व वन विभाग को दी। आसपास के लोगों ने एंबुलेंस बुलाकर लहू-लुहान रेल कर्मचारी को लोको अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। पीड़ित ने बताया कि मुझे अस्पताल में 20 टांके लगाए गए हैं।

बंदरों का जत्था अभी भी मेरे क्वार्टर के आसपास मडरा रहा है, जिससे उसकी पत्नी और दो बच्चे दूसरे क्वार्टर में रहने के लिए मजबूर हैं। इस बाबत वरीय मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुधांशु रंजन ने कहा कि बंदरों से निजात दिलाने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखा गया है। जल्द ही बंदरों को भगाने के उपाय किए जाएंगे।