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Sonbhadra News: वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए हुई मुख्यालय पर पानी की फॉगिंग, अन्य क्षेत्रों के लोगों पर बदस्तूर जारी है प्रदूषण की मार.

Story By: संगम पांडेय, रॉबर्ट्सगंज।

सोनभद्र।

पर्यावरणीय अस्थिरता और वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से रॉबर्ट्सगंज नगर पालिका क्षेत्र में जिला खनिज फाउंडेशन न्यास द्वारा मिली पानी छिड़काव की फॉगिंग मशीन से पानी छिड़काव किया गया। घण्टों पानी के छिड़काव से हवा में घुली धूल के कण को नियंत्रित करने का प्रयास किया गया। प्रशासन के निर्देशानुसार नगर पालिका क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में उड़ने वाली धूल से प्रदूषण रोकने के लिए फॉगिंग मशीन से जगह-जगह छिड़काव कराया जा रहा है।

ताकि उड़ रहे धूल की वजह से क्षेत्र में वायु प्रदूषण न बढ़े। फॉगिंग मशीन से पानी की छिड़काव की मॉनिटरिंग भी की गई। सोनभद्र खनन क्षेत्र के नाम से पहचाना जाता है। खनन क्षेत्र से निकलने वाली वाहनों द्वारा और विद्युत घरों द्वारा सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण का कारण माने जाते है। खास तौर से बालू परिवहन और राखड़ के परिवहन से वायु में धूल घुल जाती है। जिस वजह से वायु प्रदूषण बढ़ जाता है। खास तौर से ठंड के मौसम में वायु प्रदूषण और भी ज्यादा बढ़ जाती है।

इसी को देखते हुए जिला प्रशासन और नगर पालिका ने कमर कस ली है और इसी क्रम में फॉगिंग मशीन से पानी का व्यपाक रूप से छिड़काव किया जा रहा है। मुख्यालय के कई क्षेत्रों में रोड खराब होने की वजह वायु में धूल घुल कर प्रदूषण फैला रही है। पानी के छिड़काव से थोड़ी बहुत राहत जरूर मिलेगी। हालांकि राखड़ लदे वाहनों पर और बालू लदे वाहनों के परिवहन को मानक के अनुरूप चलाये जाने की ज़रूरत है वायु प्रदर्शन के लिए। क्योंकि इन्हीं वाहनों पर ओवरलोड माल की वजह और त्रिपाल न ढकने की वजह से जगह जगह कण गिरते है। जो हवा में घुल कर वायु प्रदूषण का कारण बनता है।

जिसपर रोक लगाना बहुत ज़रूरी है। वैसे ही बिल्ली मारकुंडी और डाला- बाड़ी खनन क्षेत्र में खनन व क्रेसर की वजह से उड़ रहे कण भी हवा में घुल कर वायु प्रदूषण का कारण बन रही, जिसपर रोक लगानी बहुत ज़रूरी है। उसी तरह अनपरा और शक्तिनगर क्षेत्र में भी व्यापक रूप से वायु प्रदूषण पर कंट्रोल करने की अति आवश्यकता है। दिल्ली के साथ यूपी के कई जिलों में हवा जहरीली हो चुकी है। अगर सोनभद्र में भी जल्द ही वायु प्रदूषण पर ध्यान नहीं दिया गया तो जनपद का अधिकांश हिस्सा दिल्ली बनने में देर नहीं लगेगी। वैसे भी जिले के प्रदूषण विभाग का दुर्भाग्य ही है कि आज तक स्थाई अधिकारी विभाग को नहीं मिल पाया। जिससे विभाग को जो सक्रियता निभा कर समाज के लिए काम करना चाहिए था वो नहीं हो पा रहा। जिलाधिकारी को इस और अपना ध्यान आकर्षित करना होगा।

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