Chandauli News: प्रधान के अधिकार सीज, त्रिस्तरीय कमेटी गठित.

Story By: पूर्वांचल भास्कर डेस्क.
चंदौली। चहनियां विकास खंड के महुआरी खास गांव में हैंडपंप रिबोर घोटाले को लेकर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान के अधिकार को सीज कर दिया है। कुछ दिन पहले संपत्ति भी कुर्क कर दी गई थी। यह मामला अगस्त 2022 से जुड़ा है। गांव निवासी राजकिशोर सिंह ने जिलाधिकारी को एक लिखित शिकायत सौंपते हुए गंभीर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था। शिकायत में कहा गया था कि ग्राम प्रधान सत्येंद्र कुमार सिंह और ग्राम सचिव ने मिलकर हैंडपंप रिबोर के नाम पर 1.06 लाख रुपये का गबन किया है। यह राशि ग्रामीणों को पीने के पानी जैसी मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार के चलते यह धनराशि गबन हो गई।

शिकायत के आधार पर मामले की जांच कराई गई, जिसमें आरोपों की पुष्टि हुई। जांच रिपोर्ट में ग्राम प्रधान और सचिव दोनों को दोषी पाया गया। इसके बाद प्रशासन ने दोनों से बराबर-बराबर यानी 53-53 हजार रुपये की वसूली का आदेश जारी किया। ग्राम सचिव ने तो निर्धारित राशि जमा कर दी, लेकिन ग्राम प्रधान ने बार-बार नोटिस देने के बावजूद भुगतान नहीं किया। वसूली के आदेश के अनुपालन न होने पर राजस्व विभाग ने प्रधान सत्येंद्र कुमार सिंह के विरुद्ध वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी किया। इसके बावजूद उन्होंने राशि जमा नहीं की और फरार हो गए। इसके चलते प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए उनके खिलाफ वारंट जारी किया। ग्राम प्रधान की गिरफ्तारी न होने पर आखिरकार प्रशासन ने उनकी संपत्ति कुर्क करने का निर्णय लिया। तहसील प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान की महुआरी खास और महेशपुर गांव में स्थित वैधानिक अंश की जमीन को कुर्क कर लिया है।

जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने वित्तीय अनियमितताओं को गंभीरता से लेते हुए ग्राम प्रधान का अधिकार (खाता) सीज कर दिया है। ग्राम पंचायत संचालन की जिम्मेदारी अब ग्राम सभा के तीन निर्वाचित सदस्यों अरविंद पुत्र चंद्रमा को अध्यक्ष और संदीप पुत्र मुरली तथा सपना पत्नी विष्णु को सदस्य पद सौंप दी गई है। यह निर्णय पंचायती राज अधिनियम 1947 की धारा 95(1)(छ) के तहत लिया गया। जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में 23 जून को आदेश जारी किया गया। मामले की पुष्टि करते हुए एडीओ पंचायत राकेश दीक्षित ने बताया कि ग्राम प्रधान का अधिकार (खाता) सीज कर दिया गया है और अब त्रिस्तरीय समिति गांव के कार्यों की देखरेख करेगी। यह समिति अस्थायी रूप से पंचायत संचालन की जिम्मेदारी निभाएगी, जब तक कि विधिक प्रक्रिया के तहत अगला कदम नहीं उठाया जाता।