Sonbhadra News: मौसा मौसी का कातिल निकला भतीजा, दोस्तों संग दिया हत्याकांड को अंजाम, कारण जानकार चौक जायेंगे आप.
Story By: अनुज जायसवाल, रॉबर्ट्सगंज।
सोनभद्र। राबर्ट्सगंज कोतवाली के धर्मशाला मोड़ के पास बीते 10 अगस्त की सुबह व्यवसायी धर्मेंद्र पटेल व उनकी पत्नी की निर्मम तरीके से हत्या के प्रकरण में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। हत्या की मुख्य वजह पैसों की लेनदेन में हुए विवाद को बताया जा रहा है। हत्या का मुख्य आरोपी कुंदन पटेल मृतक का रिश्तेदार है। उसने ही अन्य दो साथियों के साथ मिलकर व्यवसायी और उनकी पत्नी की निर्मम हत्या की वारदात और लूट की घटना को अंजाम देकर फरार हो गया था।
हत्या करने के पीछे की मुख्य वजह यह थी कि जो आरोपियों द्वारा ब्याज पर कारोबारी धर्मेंद्र पटेल से पैसा लिया गया था वो वापस न करना पड़ा। क्योंकि ब्याज पर लिया गया पैसा प्रत्येक आरोपी के ऊपर 4 लाख से ज्यादा का था जो आरोपी देने में सक्षम नहीं थे इसलिए इन्होंने जघन्य अपराध कर डाला। डबल मर्डर केस का खुलासा करते हुए पुलिस अधीक्षक डॉक्टर यशवीर सिंह ने बताया कि जनपद सोनभद्र में 10 अगस्त को कारोबारी धर्मेंद्र पटेल की चाकू से घोप कर पहले हत्या की गई और उसके बाद पत्नी मंजू पटेल की हत्या कर दी गई। हत्या के संबंध में बीएनएस की धारा के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कर पुलिस की कई टीमों द्वारा विवेचना की जा रही थी। इस दौरान पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी और तीन अभियुक्तों कुंदन पटेल, नागेंद्र पटेल और लवकुश की गिरफ्तारी की गई। तीनों सोनभद्र के ही रहने वाले हैं।
मृतक के रिश्ते में साला का लड़का लगने वाले कुंदन पटेल ने मृतक से चार लाख रुपया ब्याज पर लिया गया था और साथियों को भी 4 लाख रुपये ब्याज पर दिलवाया गया था। पैसा वापस न करना पड़े इसको लेकर के प्लानिंग बनाई गई कि साथियों के साथ मिलकर हत्या कर देते हैं और घर में रखा हुआ पैसा और सोना भी लूट लेने की मंशा से भी हत्या की घटना को अंजाम दिया गया। एसओजी सर्विलांस और थाने की टीम द्वारा सामूहिक प्रयास से घटना का अनावरण हुआ है। जो पकड़े गए आरोपी नागेंद्र और लवकुश के ऊपर पहले से ही सोनभद्र और मिर्ज़ापुर में कई धाराओं में मुकदमे दर्ज है।
पुलिस की मुठभेड़ भी एक व्यक्ति के साथ हुई है। गिरफ्तारी के डर से कुंदन नमक व्यक्ति द्वारा पुलिस के ऊपर फायरिंग की गई जिसमें एक दरोगा घायल हुए हैं और जवाबी कार्रवाई में कुंदन पटेल के पैर में गोली लगी है। जिसका इलाज बनारस में चल रहा है। दो साथी जो मौके से फरार हो गए थे उनको उरमौरा से पकड़ा गया है। मर्डर करने का सीधा सा मतलब यह था कि लिए गए पैसों को वापस न करना पड़े। घटना के संबंध में अभी और भी जांच की जाएगी कि घटना में और लोगों की संलिप्तता है कि नहीं। बिल्डिंग मैटेरियल्स व्यवसायी की हत्या की प्लानिंग 1 महीने पहले से की जा रही थी।