Sonbhadra News: अधिकारी के डांट से तनावग्रस्त अमीन ने उठाया खौफनाक कदम, मचा कोहराम.

Story By: चंदन कुमार, चोपन।
सोनभद्र। राजस्व विभाग में अमीन के पद तैनात अरुण कुमार की आकस्मिक मौत से राजस्व विभाग में हड़कंप मच गया घटना की जानकारी होते ही दुद्धी तहसील और ओबरा तहसील के अधिकारियों के बीच सन्नाटा पसर गया।हृदय विदारक घटना से परिजनों में कोहराम मच गया। बता दे कि सुनसान जगह पर विषाद पदार्थ खाने के बाद खुद मृतक पिता ने बेटे को जानकारी दी और बताया कि उन्होंने दवा खा ली है लेकिन स्थान की जानकारी नहीं दी।

पिता ने आखिरी शब्द में बेटे को टेंशन न लेने की बात कही, शब्द सुनकर बेटे के पैरों टले ज़मीन खिसक गईं। परेशान बेटा ने बाइक से काफी मशक्क़त के बाद पिता को दुद्धी डिग्री कॉलेज से खोज निकाला। जिसके बाद आनन-फानन में दुद्धी अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में प्राथमिक इलाज़ में सिर्फ सुई लगाकर जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया।

लेकिन रास्ते में कोई हलचल न होता देख मरीज को सीएचसी चोपन ले जाया गया। जहां डॉक्टर ने संघन जांच के बाद मरीज को मृत घोषित कर दिया। दुःखद घटना की सूचना पर दुद्धी तहसील और ओबरा तहसील के आला अधिकारी सीएचसी चोपन पहुंचे और गमगीन माहौल में बेटे को ढाढ़स देते नज़र आये।

बेटे ने आरोप लगाया कि नए तहसीलदार की डांट की वजह से पिता रात दिन टेंशन में रहते थे। बभनी ड्यूटी से महुली घर आने के बाद परेशान रहते थे। पूछने पर कोई जानकारी नहीं देते थे फिर भी परिवार वालों को पता था कि नए तहसीलदार की वजह से कभी टेंशन न लेने वाले पिता जी टेंशन में चल रहे थे। बेटे आशीष ने बताया पिताजी ऐसे आदमी थे जिनका किसी से कोई विवाद नहीं था और न ही परिजनों से किसी तरह का गुस्सा। जब से नए तहसीलदार आये तब से उनको टेंशन हो गया। जिसका परिणाम आज उनकी मौत के रूप में देखना पड़ा।

एसडीएम निखिल यादव ने बताया कि दुद्धी तहसील में तैनात सरकारी कर्मचारी अरुण कुमार (55) पुत्र स्वर्गीय हरिशंकर निवासी महुली की सुबह आकस्मिक मृत्यु हो गई है। जानकारी होने पर दुद्धी सीएससी पर भेजा गया, वहां से रेफर कर दिए गए। लेकिन रास्ते में ही उनकी मृत्यु हो गई थी। बेटे द्वारा तहसीलदार पर आरोप लगाने की बात पर एसडीएम ने कहा कि पहले पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ जाती है प्रॉपर जांच की जाएगी।

प्रॉपर जांच के बाद कोई भी कर्मचारी दोषी पाया गया तो उसके खिलाफ शख्त कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने से पहले अनुमान लगाना उचित नहीं। किसी भी कर्मचारी की मृत्यु होती है सभी तहसीलों के कर्मचारी शोक में होते हैं। अगर किसी अधिकारी द्वारा ऐसा किया जाता है तो यह अत्यंत निंदनीय है फिलहाल किसी भी तरह का आनुमान या आरोप लगाना ठीक नहीं होगा।

वही आशा अध्यक्ष मुन्नी माथुर ने बताया कि मृतक आशा चंपा देवी के पति थे। उनकी मौत के बाद परिजन से बात हुई तो उन्होंने तहसीलदार पर आरोप लगाया और उन्होंने अमीन के ऊपर तहसीलदार का दबाव होने का आरोप लगाया है। तहसीलदार से विवाद के बाद हुई मौत से पहले मृतक बिल्कुल स्वस्थ है। अस्पताल से मिले मेमो पर पहुंची पुलिस ने पंचानामा कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।