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Chandauli News: नवंबर 2021 में हो गयी थी दुश्मनी की शुरुआत, अरविंद को गोली मारने के लिए बाहर से बुलाए गए शूटर.

Story By: संदीप कुमार, बड़े बाबू, डीडीयू नगर.

चंदौली। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के धरना गांव में सोमवार की देर रात बाइक सवार आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने प्लाटर और जिम संचालक अरविंद यादव उर्फ बिंदु को गोली मार दी और बदमाश मौके से आराम से भाग गए। गंभीर अवस्था में अरविंद को परिजन बीएचयू ट्रामा सेंटर ले गए, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया।

परिजनों की तहरीर पर आठ नामजद और कई अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि घटना में शामिल दो मुख्य अभियुक्त श्याम सिंह यादव और बृजेश यादव बाबा सहित सभी आठ आरोपियों पर एसपी चंदौली द्वारा 25-25 हजार का इनाम घोषित किया गया है।

मृतक अरविंद यादव उर्फ़ बिंदु की फ़ाइल फोटो
मृतक अरविंद यादव उर्फ़ बिंदु की फ़ाइल फोटो

आपको बता दें कि धरना गांव में सोमवार की रात लगभग 11 बजे कार और बाइक से आए आधा दर्जन से अधिक बदमाशों ने प्रॉपर्टी डीलर और जिम संचालक अरविंद यादव (40) की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक के परिजनों की तहरीर पर पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 3(5), 103(1), 324(2), 352 के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में श्याम सिंह यादव उर्फ कल्लू और बृजेश यादव समेत 8 लोगों को नामजद किया गया है।

पुलिस अधीक्षक चंदौली ने मुख्य अभियुक्त श्याम सिंह यादव उर्फ कल्लू और बृजेश यादव पर 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित कर दिया। आरोपियों की तलाश के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। पुलिस तकनीकी सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज और मुखबिर नेटवर्क का सहारा ले रही है। संभावित ठिकानों पर दबिश दी जा रही है। प्रारंभिक जांच में पुरानी रंजिश हत्या का कारण मानी जा रही है। बताया जा रहा है कि 2021 में दुश्मनी की पटकथा शुरू हुई थी।

नवंबर 2021 में सिकटिया गांव निवासी विशाल पासवान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने श्याम सिंह यादव, बृजेश यादव, कल्लू यादव, राजू यादव, राम अवध यादव, पंकज यादव, रोहित यादव, ओम प्रकाश यादव को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कल्लू और अरविंद यादव करीबी दोस्त थे। कल्लू के जेल जाने के बाद, अरविंद ने उसके परिवार की मदद की। कल्लू के सरेंडर से लेकर मुकदमा लड़ने तक की जिम्मेदारी अरविंद ने उठाई।

अरविंद ने ही इन लोगों की जमानत भी कराई। कल्लू के जेल जाने से परिवार की हालत खराब हो गई। मृतक अरविंद ने कल्लू की मां के नाम हाईवे पर संचालित ढाबे की देखरेख और पैसों का हिसाब-किताब भी संभाला। लगभग डेढ़ महीने पहले, कल्लू, उसका भाई रामलखन और अन्य आरोपी जमानत पर रिहा होकर बाहर आए। बाहर आते ही, कल्लू ने अरविंद से ढाबे की कमाई और प्रॉपर्टी से जुड़े पैसे का हिसाब मांगा। अरविंद हिसाब देने से बचता रहा। इसी बात को लेकर दोनों के बीच तनाव बढ़ गया, जो हत्या का कारण बन गया।

लोगों का मानना है कि अरविंद की हत्या में जौनपुर और गाजीपुर के शूटरों का हाथ हो सकता है। गोली मारने का तरीका ऐसा था कि गोली लगने के बाद आदमी जिंदा न बच सके। लोगों का मानना है कि जेल में काफी दिन बंद रहने के कारण इनका संबंध बड़े बदमाशों से हो गया था। जेल से छूटने के बाद, बदमाशों के सहयोग से अरविंद को गोली मारी गई। यह एक जांच का विषय है। बदमाशों का मोबाइल घटना स्थल से कुछ दूरी पर बंद हो गया, जिससे उन्हें ढूंढने में पुलिस को काफी मेहनत करनी पड़ रही है।

हत्यारोपी काजू यादव

बदमाशों के पास असलहा कहां से आया, यह भी एक बड़ा सवाल है। आशंका जताई जा रही है कि सभी बदमाश घटना को अंजाम देकर बिहार भाग निकले हैं। हालांकि मुग़लसराय कोतवाल गगन राज सिंह का दावा है कि बहुत जल्द सभी आरोपी जेल के सलाखों के पीछे होंगे और पुलिस की कार्यवाई एक नजीर बनेगी। ताकि भविष्य में कोई भी ऐसी हिमाकत करने से पहले 100 बार सोचेगा।

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