Chandauli News: घुरहूपुर पहाड़ी के खूबसूरत नजारे देख बर्मा और म्यांमार के बौद्धिस्ट हुए प्रसन्न, कहा सभी के ज्ञान का द्वार खोलता है बौद्ध धर्म.
Story By:गोविंद कुमार, चकिया तहसील।
चंदौली। शहाबगंज विकासखंड के घुरहूपुर बौद्ध स्थल पर गुरुवार को दोपहर में म्यांमार से क्याव सेन, थन आंग लव्रीस, खिन्ह क्यू, मया टाई, मेरा मो, थान माइंट, जार सहित दर्जनों बौद्धिस्ट घुरहूपुर बौद्ध संस्थान के अध्यक्ष बशिष्ठ नारायण सिंह के साथ घुरहूपुर की पहाड़ी पर पहुँचे तो काफी संख्या में ग्रामीण इकट्ठा हो गए। ग्रामीणों की सक्रियता तथा पहाड़ी की खूबसूरती को देख वर्मा से आए दल हतप्रभ रह गए। ऊंची पहाड़ी पर स्थित बुद्ध की गुफा तक जाने में वे पहले तो हिचके, लेकिन ग्रामीणों के सहयोग से जब गुफा में पहुँचे तो वहां का खूबसूरत दृश्य देख काफी प्रसन्न हुए। इस दौरान सभी बौद्धिस्टों ने बौद्ध रीति-रिवाज से पूजा-अर्जना की।
इस अवसर पर वर्मा से आए दल के लोगों ने कहा कि जो धर्म सबके लिए ज्ञान का द्वार खोल दे, वहीं धर्म है। बौद्ध संस्थान घुरहूपुर के अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि महात्मा बुद्ध ने राजपाट एवं घर परिवार त्याग कर कठोर तप से ‘बुद्धत्व’ प्राप्त करके समाज सुधार का कार्य किया। अंधविश्वास और कुरीतियों को दूर करते हुए भगवान बुद्ध ने जो व्यवहारिक और सहज शिक्षा एवं दर्शन दिया। वह आज भी प्रासंगिक है। उन्होंने आगे कहा कि महात्मा बुद्ध सामाजिक समानता एवं समरसता के पक्षधर थे। उनके द्वारा बताये गये ‘अष्टांग मार्ग’ में एक वैचारिक दर्शन है।
गौतम बुद्ध द्वारा दी गई शिक्षाएं मनुष्य के जीवन में संजीवनी का संचार कर सकती हैं। मन की शांति के लिए भगवान बुद्ध के विचार महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने आगे कहा कि भगवान बुद्ध का दर्शन एवं मानव के प्रति उनकी अपार करूणा व गहन संवेदना समाज के लिए अमृत संजीवनी है। भगवान बुद्ध की मन को छू लेने वाली शिक्षाएं व्यक्ति को समाधान की ओर ले जाती हैं। बौद्ध धर्म मूलतः भारत की श्रवण परंपरा से उत्पन्न धर्म और दर्शन है। बौद्ध धर्म अपनी सहजता और सरलता के कारण देखते देखते तिब्बत, चीन, मलेशिया, थाईलैंड, कोरिया जैसे अनेकों देशों में फैला।
उन्होंने कहा कि ऐसे सभी देशों के बीच बौद्ध धर्म भारत के लिए धार्मिक एवं आध्यात्मिक सेतु के रूप में कार्य कर रहा है। इस दौरान उपस्थित रमाशंकर राजभर, चंदन राजभर, शिव शंकर प्रधान, दीप नारायण यादव, चंद्रेश राजभर आदि ग्रामीणों ने कहा कि सरकार ध्यान दे तो घुरहूपुर पर्यटक स्थल बन सकता है। क्योंकि यहां हर सप्ताह कोई न कोई विदेशी टीम बुद्ध की गुफा का दर्शन करने जरूर आती है। ग्रामीणों का मानना है कि पर्यटक स्थल बनने से आस पास के गांव के लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो जाएगा।