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Sonbhadra News: घोर कलयुग, प्रसिद्ध शिवद्वार मंदिर के पुजारियों ने हड़प ली भगवान शिव के नाम पर दान में मिली जमीन.

Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरों सोनभद्र।

सोनभद्र। पुजारियों ने अपने आराध्य को मृत दिखा कर शिव पार्वती मंदिर की जमीन को अपने नाम करा लिया, जब जानकारी स्थानीय लोगों को हुई तो उन लोगों ने डीएम से मिलकर कार्यवाही की मांग की है, मंदिर परिसर गलत तरीके से दुकानों को लगवाना, वसूली का भी आरोप लगाया है।

घोरावल थाना क्षेत्र अंतर्गत शिव द्वार मंदिर की अपनी पौराणिक कथाएं, मान्यताएं हैं तो वहीं यहां के पुजारी के मन मे लालच आ गया और वह भगवान शिव को मृत दिखाकर जमीन हड़पने की साजिश रच डाली, आरोप है कि मंदिर की 11 बिस्वा जमीन पर छह पुजारियों ने कब्जा कर लिया है, सरकारी कागजात में भगवान शिव का नाम अंकित है जिसे धोखे से छह पुजारियों के नाम कराने का मामला आया है, स्थानीय लोगों ने कथित मन्दिर के पुजारियों से जमीन मुक्त कराने की मांग की है।

शिकायत को लेकर शिव पार्वती प्राचीन काशी सेवा समिति के लोग आज डीएम से मिलकर ज्ञापन सौंपा और कार्यवाही की मांग की, समिति के अध्यक्ष रविन्द्र कुमार मिश्रा ने कहा कि शिव पार्वती मंदिर से जमीन दान ने मिली थी उसे पुजारियों ने धोखे से अपने नाम करा लिया है, 156 नम्बर की जमीन भगवान शिव पार्वती के नाम से दी गयी थी उसे 131ख में शिव जी को मृत दिखाकर जमीन का वरासत अपने नाम से करा लिया, अगर शिव जी को मृत दिखाया तो उनके वारिश गणेश, कार्तिकेय, मां पार्वती को होना चाहिए था न कि पुजारियों को।

मंदिर गर्भगृह, कुआं, धर्मशाला ये सब भी अपने नाम से करा लिया गया, तारीखें शुरू हुई और नवम्बर 2016 में उप जिलाधिकारी आदेश पर पुनः खतौनी ग्राम सभा में हो गयी, आरोप लगया कि भ्रष्ट पुजारियों ने कमिश्नर विंध्याचल मंडल मिर्जापुर के पास गए लेकिंग कमिश्नर ने अप्रैल 2018 को फैसला सरकार के पक्ष में लिखा फिर ये राजस्व परिषद प्रयागराज में गए लेकिन फैसला नबम्बर 2021 को फैसला समिति के पक्ष में दिया गया लेकिन आजतक अमल नहीं हुआ।

वहीं मंदिर की जमीन दान देने वाले परिवार के सदस्य का कहना है कि शिव पार्वती मंदिर की जमीन मेरे बड़ी माता अविनाश कुमार के द्वारा बनाया हुआ है उसका निर्माण 1942 में कराया गया है, धर्मशाला का निर्माण1953 में हुआ, वर्तमान में भ्रष्ट पुजारियो का अत्याचार चल रहा है, मनमानी वसूली करना, दुकान लगवाना, पैसा नहीं है तो पूजा नहीं करने देना इसकी शिकायत नीचे से ऊपर तक कि गयी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

बता दें भगवान के नाम से खतौनी में नाम दर्ज होने के बाद सरकारी कागज पर अधिकारियों से मिलकर गलत तरीके से छह लोगों के नाम से जमीन का हो जाना एक बड़ा सवाल है, जबकि पूर्व में डीएम एस राज लिंगम में समिति के पक्ष में लिखा था, कमिश्नर, राजस्व परिषद सभी ने समिति के पक्ष में अपनी सहमति और आदेश दिया इसके बावजूद अभी तक समिति बहाल नहीं हो पाई।

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