Sonbhadra News: सरकारी सिस्टम की भेंट चढ़े लाभार्थी, सरकारी कागज में मृत हो गए 13 ग्रामीण.
Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरो सोनभद्र।
सोनभद्र।
सरकारी सिस्टम की लापरवाही के किस्से आपने बहुत सुने होंगे, सोनभद्र जिले में तो इसकी बानगी साफ-साफ देखने को मिली।लापरवाही भी ऐसी की जिंदे व्यक्ति को सरकारी कागज में मृत दिखा दिया जाता है, जबकि जिंदा व्यक्ति कार्यालय के चक्कर लगाकर अपनी चप्पल घिसने को मजबूर हो रहे हैं। समाज कल्याण विभाग से मिल रहा एक दर्जन से ज्यादा लाभार्थियों का वृद्धा पेंशन बंद हो गया है, मामला डीएम की जानकारी में आने के बाद आनफान में गहन जांच शुरू हो गई है।
दरअसल मामला घोरावल ब्लॉक के देवरी खुर्द गांव का सामने आया है, जहां 13 जिंदा व्यक्तियों को सरकारी कागजात में मृत दिखा दिया गया और इन लोगों को मिलने वाला वृद्धा पेंशन करीब एक वर्ष से बंद हो गया। सरकारी सिस्टम की लापरवाही की भेंट चढ़े लाभार्थियों को जब मृत होने की जानकारी मिली तो उनके नाराजगी का ठिकाना नहीं रहा, आर्थिक रूप से कमजोर इन लाभार्थियों को सरकार की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है।
इन लोगों का कहना है कि उनके पास पर्याप्त मात्रा में खेत भी नहीं है। जिससे यह खेती कर सके और अपना जीवन यापन चला सके। जीवन चलाने के लिए सरकार से कुछ सहयोग मिल रहा था लेकिन कुछ लोगों को रास नहीं आया और वह हम लोगों को जिंदा ही मार दिए। इन लाभार्थियों का कहना है कि उनका नाम सरकारी कागज से कैसे कट गया इसकी उन्हें जानकारी नहीं है जबकि वह जिंदा है।
ग्रामीण रामखेलावन बताया कि जब पेंशन का पैसा नहीं आया तब ब्लॉक पर जाकर पता लगाया तो जानकारी में आया कि ब्लॉक में जो सरकारी रिकॉर्ड है, उसमें उनके नाम के आगे मृत लिखा हुआ था। यह देखकर ब्लॉक कर्मचारी भी अवाक रह गए, उनको समझ में नहीं आया कि जिस व्यक्ति का नाम वह मृत दिख रहा है वह सामने खड़ा है।
ग्रामीण संतु ने बताया कि जब बैंक में पेंशन नहीं आया तो वह समाज कल्याण ऑफिस चले गए या पता लगाने की उनके खाते में करीब 1 वर्ष से पैसा नहीं आ रहा है तब समाज कल्याण विभाग में कर्मचारियों ने इनको बताया कि इस नाम के व्यक्ति की मौत हो गई है, बुजुर्ग से दिखने वाले संतु राम कर्मचारियों पर भड़क गए कहे दिमाग खराब है तुम्हारा मैं जिंदा हूं।
वही जिलाधिकारी बद्रीनाथ सिंह ने बताया कि कुछ ग्रामीण उनसे मिलने के लिए आए थे, वृद्धा पेंशन को लेकर वह शिकायत कर रहे थे, समाज कल्याण अधिकारी को जांच कर रिपोर्ट देने की बात कही गई है, यह भी देखना होगा कि किस अधिकारी के स्तर से यह रिपोर्ट दी गई है, जांच कर कार्यवाही होगी।
बताते चलें कि कुछ समय पहले जिले के शक्तिनगर क्षेत्र में एक बुजुर्ग का नाम सरकारी कागज से काट कर मृत घोषित कर दिया था। जिससे सरकारी योजनाएं रुक गई थीं, आर्थिक तंगी और अकेले होने की वजह से शख्स की मौत हो गई। बताते चलें ग्राम पंचायत में कि सरकारी कागज में किसी शख्स को सत्यापन कर मृत घोषित करने का कार्य प्रधान व सचिव के स्तर से किया जाता है।