Sonbhadra News: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने निकाला कैंडल मार्च, पुलिस ने रोका, पुलिस और कांग्रेस कार्यकर्ताओं में हुई नोंकझोंक.

Story By: संगम पांडेय, रॉबर्ट्सगंज।
सोनभद्र।
संभल हिंसा में जहां सरकार विपक्ष पर राजनीति करने का आरोप लगा रही तो वही विपक्ष सरकार पर संभल की घटना को दबा कर सच उजागर नहीं होने का आरोप लगाकर कह रही कि तानाशाही सरकार किसी को भी पीड़ित परिजनों से मिलने नहीं दे रही जो दमन की नीति उजागर करती है। इसी सिलसिले में
रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र स्थित कांग्रेस जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में चाचा नेहरू पार्क से गुरुवार को कांग्रेसियों ने संभल में हुई हिंसा में मारे गए लोगों को न्याय दिलाने की मांग को लेकर कैंडल मार्च निकाला। लेकिन पुलिस ने यह कहकर मार्च को रोक दिया कि कैंडल मार्च के लिए अनुमति नहीं ली गई है। इस बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई। फिर कांग्रेस ने पार्क में ही कैंडल जलाकर कैंडल मार्च की समाप्ति की।

कांग्रेस जिला अध्यक्ष सोनभद्र रामराज गोल्ड ने कहा कि पिछलों दिनों हुए संभल की घटना को लेकर पीड़ित पक्ष से मिलने जा रहे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को उत्तर प्रदेश सरकार की पुलिस की दम पर पुलिस फोर्स की ताकत लगाकर दोनों लोगों को वहां जाने नहीं दिया। राहुल गांधी संवैधानिक नेता है और संवैधानिक उनका अधिकार बनता है की घटना वाली जगह जाकर पीड़ितों का हाल-चाल जाने।

उनको रोक करके सरकार ने साबित कर दिया कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। वहां से दोनों नेता वापस गए। कांग्रेस कमेटी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष के निर्देशन में तय हुआ कि सभी जगह कैण्डल मार्च कीजिये। लेकिन भाजपा के सरकार में जो लॉ एंड ऑर्डर की बात करते हैं। वो जान ले सरकार संविधान को खत्म कर रही है।

हमारा नेता संविधानिक तरह से पीड़ित पक्ष से मिलने जा रहे थे उनकी आवाज को उठाते। लेकिन सरकार ने उनको जाने से मना किया। गुरुवार को चाचा नेहरू पार्क से नगर पालिका महात्मा गांधी के प्रतिमा पर कैंडी मार्च करने की हमारी तैयारी थी। लेकिन हम लोगों को पुलिस प्रशासन ने रोक दिया गया है। तब हमलोगों ने चाचा नेहरू पार्क में ही कैंडल मार्च जला करके पीड़ितों को न्याय देने की प्रार्थना की।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य आशुतोष दुबे ने कहा कि पुलिस ने हमे शांति से मार्च निकालने पर भी रोक दिया। पुलिस ने कहा आप नहीं जाएंगे यहां से आप बैक हो जाइए। हमने कहा लोकतंत्र क्या यह व्यवस्था लागू हो गई है कि देश के राष्ट्रपिता के पास भी नहीं जा सकते।

जितने भी लोग थे सिर्फ उनके पास झंडा था। हम लोगों ने बैनर भी नहीं लिया था। पुलिस का कहना है कि आप लोगों के द्वारा प्रदर्शन किया जा रहा है। जबकि ऐसी कोई बात नहीं थी और कैंडल लेकर शांति तरीके से सभी जा रहे थे। सामाजिक सौहार्द बनाये रखने के लिए महात्मा गांधी जी की प्रतिमा पर मार्च कर कैंडल जलाना मात्र था।