Chandauli News: पेपर साल्व करा रहे अधिकारी सहित 26 रेलकर्मियों को सीबीआई ने रंगे हाथ दबोचा, 80 परीक्षार्थियों से लिया गया था 6-6 लाख रुपए.

Story By: संदीप कुमार, बड़ा बाबू, डीडीयू नगर।
चंदौली। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र में रेल विभाग में चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर पद पर पेपर साल्व कराते समय 31 परीक्षार्थियों और एक कमर्शियल के बाबू को सीबीआई की विशेष टीम ने सोमवार की देर रात अलग-अलग स्थानों से गिरफ्तार किया। मौके से एक करोड़ रुपए नगद बरामद किया गया। वहीं मंगलवार की सुबह सीबीआई की टीम डीआरएम ऑफिस पहुंच गई। सीनियर डिवीजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर ऑपरेशन सुशांत परासर, सीनियर डीपीओ सहित अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ देर रात से मंगलवार दोपहर तक चलती रही।

सीबीआई की विशेष टीम ने सोमवार की देर मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के काली महाल क्षेत्र के राज मैरिज लॉन व सिद्धार्थ पुरम कॉलोनी से 26 रेलकर्मियों को हिरासत में लिया था। इस दौरान सभी को हिरासत में लेकर मुगलसराय कोतवाली ले आई। फिर सभी को सीबीआई की टीम लेकर मंडल रेल कार्यालय पहुंची। सीबीआई की जांच में ये बात सामने आई कि चीफ लोको पायलट इंस्पेक्टर पद हेतु प्रमोशन के लिए एग्जाम देने आए थे। रेलवे के कार्मिक विभाग के एक बाबू ने सभी को एक लॉन व सिद्धार्थ पुरम कॉलोनी में ठहराया था।

आरोप है कि परीक्षा में नकल करा कर प्रमोशन दिलाने के एवज में रिश्वत ली गई थी। इसकी सूचना सीबीआई को हो गई थी। सीबीआई के अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई करते हुए इस गोरखधंधे में शामिल सभी को हिरासत में ले लिया है। मुगलसराय कोतवाली के काली महाल स्थित राज मैरेज लॉन है। लॉन का संचालन चुन्ना नामक व्यक्ति करता है। चुन्ना के मोबाइल फोन पर डीडीयू रेल मंडल मुख्यालय के कार्मिक विभाग के बाबू संजय मिश्रा का फोन आया।

संजय ने कहा कि कुछ लोको पायलट प्रमोशन के एग्जाम देने के लिए आए हैं। उन्हें लॉन में रुकने की व्यवस्था कर दो। इसकी जानकारी सीबीआई को हो गई। रिश्वत लेकर 80 लोगों का एग्जाम पास करा कर प्रमोशन कराया जा रहा था। प्रति लाभार्थी से छह लाख रुपए लेने का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

पूरे मामले की भनक सीबीआई को हो गई थी। सीबीआई अधिकारी मुगलसराय पुलिस के साथ लॉन पर पहुंचे और मौके से नौ लोगों को हिरासत में ले लिया। जिनमें बाद में दो लोगों को पूछताछ के बाद सीबीआई ने मुगलसराय कोतवाली से छोड़ दिया। हालांकि, इस पूरे मामले के पीछे वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई।

सोमवार की देर रात डीआरएम ऑफिस पहुंच सीबीआई की टीम लगातार हिरासत में लिए गए रेलकर्मियों से पूछताछ करती रही। पूछताछ के दौरान डीआरएम, एडीआरएम सहित वरीय अधिकारी मौजूद रहे। इस प्रकरण में एक बड़े रैकेट का खुलासा सीबीआई ने कर दिया। सीबीआई के छापे से डीआरएम ऑफिस में हड़कंप मचा हुआ है।