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Rajyasabha News: देश भर में खुले बोरवेल में होने वाले हादसों को रोकने के लिए सांसद दर्शना सिंह ने आज सदन में उठाई आवाज़.

Story By: विवेकानंद केशरी।

दिल्ली। राज्यसभा सांसद दर्शना सिंह ने 05 अगस्त 2024 को राज्यसभा के मानसून सत्र के दौरान एक अति गंभीर मुद्दा उठाया। राज्यसभा में मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा की देशभर में बोरवेल के खुले गड्‌ढों में मासूमों के गिरने की कई घटनाएं हो चुकी हैं। इसके पहले भी दर्शना सिंह ने सदन में विकास के कई तरह के मुद्दे रख चुकी है। दर्शना सिंह जिस तरह से सदन में सकारात्मक सोच के साथ जनता के भलाई के लिए अपनी बात रख रही है। निश्चित रूप से यह उनका समाज के प्रति गंभीरता और संवेदनशीलता को दर्शाता है। दर्शना सिंह ने बताया कि जिस तरह से माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में डबल इंजन कि सरकार काम कर रही है। वह विकसित भारत के ओर जाने का सफल कदम है।

सांसद दर्शना सिंह ने कहा कि देशभर में खुले बोरवेल से आये दिन होने वाली घटनाये काफी चिंताजनक है। प्राय: देखने में आया है कि किसानों द्वारा खराब ट्यूबवेल को उखाड़ कर अन्य स्थानों पर शिफ्ट कर लिया जाता है और ट्यूबवेल को शिफ्ट करने उपरांत बोरवेल को खुला छोड़ दिया जाता है एवं ना ही उसे मिट्टी से भरकर समतल किया जाता। इस लापरवाही के कारण बच्चों के बोरवैल में गिरने की घटनाएं देश में अकसर होती रहती है। जिससे जानमाल का नुकसान होने के साथ-साथ कानून एवं शांति व्यवस्था की स्थिति बनाये रखने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए कई प्रदेशो की सरकार द्वारा भी समय-समय पर खराब बोरवेल को बंद करके भूमि समतल करने बारे आदेश दिया जाता है। पर इसके बाबजूद भी इसमें कोई खास परिवर्तन नहीं हुआ।

बोरवेल में मासूम बच्चे की गिरने की घटनाएं सामने आती रहती हैं। लेकिन लोग लापरवाही दिखाते हुए बोरवेल को खुला छोड़ देते हैं। आज से एक दशक (साल 2009) पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्व-संज्ञान लेते हुए बोरवेल में गिरकर होने वाली मौतों पर गाइडलाइन जारी की थी। परन्तु एक दशक के अंतराल के बाद भी प्रदेश सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पालन नहीं किया। जिसकी वजह से बोरवेल में गिर कर बच्चों की मौत होती रहीं।  उन्होंने सभापति के माध्यम से इस अतिसंवेदनशील और गंभीर विषय के लिए सरकार से आग्रह किया है कि इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए दोषियों के खिलाफ कड़े से कड़े कानूनों का प्रावधान होना चाहिए।

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