Sonbhadra News: तीन बहनों ने रचा इतिहास, एक साथ यूपी पुलिस में हुई भर्ती, स्वतंत्रता सेनानी परिवार से है ताल्लुकात .

Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र। जनपद सोनभद्र में एक ही परिवार के तीन बहनों का यूपी पुलिस में सलेक्शन होने के बाद गांव सहित पूरे जिले में ख़ुशी का माहौल देखा गया। पुलिस विभाग में सलेक्शन होने के बाद परिवार में जो खुशी का माहौल दिखा वो दोबारा होली मनाने जैसा ही था। उत्तर प्रदेश सिपाही भर्ती परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर सोनभद्र की तीन सगी बहनों ने खुद का भविष्य सवारा तो आदिवासी जिले का नाम भी रोशन कर डाला।

ये बहने एक साधारण से दिखने वाले किसान परिवार से आतीं है, इनके पिता एक किसान हैं, जबकि इनके दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रह चुके हैं, ग्रामीण परिवेश और पढ़ाई में मुश्किलों का सामना करने के बावजूद भी इन्होंने सिपाही भर्ती परीक्षा पास की है। बेटियों ने कहा उनका परिवार पिछले कई दशकों से देश सेवा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेटा आया है।

जिस वजह से परवरिश में उनके देश सेवा का भाव उत्पन्न हुआ और उन्होंने देश सेवा का माध्यम पुलिस में भर्ती होकर करने की ठानी नतीजा आज तीनों बहनें अपने सपनों के मुकाम तक पहुंच चुकी है। सोनभद्र जिले के करमा थाना क्षेत्र के करकी गांव निवासी तीन बहनों का पुलिस विभाग में सलेक्शन काफी चर्चाओं में है, करकी गांव निवासी तीन लड़कियों आराधना पटेल, मंजू पटेल और सुमन सिंह पटेल ने सिपाही भर्ती की परीक्षा में अंतिम रूप से चयनित होकर न सिर्फ परिवार बल्कि जिले का नाम रोशन किया है।

सुमन सिंह पटेल की शादी हो गई है उनका कहना है कि मुझे आगे बढ़ाने में मेरे परिवार और ससुराल पक्ष दोनों का सहयोग मिला है, मेरे दादा स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, उनका बहुत श्रेय रहा है और मेरे ने हम लोगों के लिए बहुत कुछ किया है वह अपना गम कभी नहीं बताते थे और हम लोगों का हर सपना पूरा करते थे जो हम लोगों ने चाहा वह हम लोगों ने पढ़ाई के दौरान किया, उन्होंने अपना कष्ट कभी नहीं बताया। हमारे गुरुजी लोगों का बहुत सहयोग मिला है ससुराल में मुझे बहुत सहयोग मिला है।

कुमारी आराधना सिंह पटेल ने बताया कि मेरी शिक्षा गांव में ही स्कूल में हुई है इस दौरान मेरा एनम में सिलेक्शन हो गया और एनम की प्रैक्टिस के दौरान पुलिस की तैयारी भी करने में जुटी हुई थी। पुलिस में जाना मुझे अच्छा लग रहा है हम अपने देश की रक्षा करना चाहते हैं, अपहरण की घटना को लेकर बहनों को जागरूक करेंगे, इस सफलता का श्रेय हम स्कूल के गुरुजी लोगों को देना चाहेंगे और डॉक्टर को, क्योंकि मैं एएनएम भी करती हूं साथ ही साथ में माता-पिता का भी।

वही मंजू सिंह पटेल ने बताया पढ़ाई के दौरान मेरे पापा ने बहुत कठिनाइयां उठाई और हम लोग कठिनाइयों में ही बड़े और पढ़े हैं। लड़की हूं तो पढ़ाई के साथ-साथ घरेलू काम भी करना पड़ता था। घरेलू काम करते-करते हम बहनों ने पुलिस की तैयारी अच्छे से की। गांव के लोगों के लिए कहना चाहूंगी कि आगे आएं अपने परिवार स्कूल का नाम रोशन करें, और देश का नाम आगे बढ़ाए। तीनों बेटियों के पुलिस सिलेक्शन के बाबत पिता ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी मिल रही है उन्होंने कहा कि पढ़ाई कराने में बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है, नमक रोटी खिलाकर इन बच्चों को पढ़ाया है, बच्चों ने जो चाहा हमने किसी तरह उनकी इच्छाओं को पूरा किया है।

पिता अनिल कुमार सिंह ने बताया छोटी बच्ची का दौड़ का परीक्षा होने के समय घुटने में दर्द उठ पड़ा था जिस वजह से लगा कि वह सिलेक्शन में भाग नहीं ले पाएगी लेकिन हमने किसी का बिगड़ा नहीं था इसलिए भगवान ने भी हमारा साथ दिया। बिटिया घर के काम से लेकर खेती बाड़ी और पशुओं को चार देने का जिम्मा हमेशा उठाती रही है। बौसी कठिनाइयां परेशानियों के बाद भी हमारा परिवार नौकरियों को लेकर हमेशा पहल करता आया है जिसका नतीजा यह है कि हमारे परिवार में कई सदस्य सरकारी नौकरी से लाभान्वित है।

हमारे पूर्वजों ने स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई उज्जवल भारत की भविष्य को देखकर लड़ा था देश में विकास तो हो रहा है लेकिन महंगाई और बेरोजगारी पर सरकार को ध्यान देना चाहिए महंगाई और बेरोजगारी की वजह से हम जैसे किसान को बहुत सी कठिनाई होती है। हमारे पिताजी सेनानी थे हम सबने उनकी सेवा की है और उनका लाभ भी लिया है, नौकरी के लिए सेनानी कोटा लगाया था जिससे हम लोगों को लाभ मिला है। 6 बच्चों में से तीन बच्चों का आरक्षण के तहत लाभ मिला है।

वही भाई अभिषेक पटेल ने बताया हमारी बहनों ने स्वतंत्रता सेनानी हमारे पूर्वज जो स्वतंत्रता सेनानी थे उनके पर चोन पर चलने का कार्य किया है इनका हमेशा से प्रशासनिक विभाग में ही जाने का मन था शुरुआत में तो नहीं लगा था कि इन लोग सफलता हासिल कर लेंगे। जिस समय इन लोगों का एग्जाम था उसे समय माता जी का तबीयत खराब हो गया था जिस वजह से थोड़ी सी डिस्टरबेंस हुई थी सफलता में हमारा योगदान वसमत इतना है कि जहां-जहां इन लोगों का सेंटर होता था वहां में इन लोगों को लेकर जाता था और दल की तरह उनके साथ रहता था।

लड़कियों के बारे में उनके शिक्षक रहे उमाकांत मिश्रा ने बताया कि तीनों लड़कियों की रुचि पढ़ाई के साथ ही खेलकूद में ज्यादा थी और तीनों ही खेल प्रतियोगिता में खूब हिस्सा लेती रही थी, उन्होंने हंसवाहिनी इंटर कालेज से इंटर तक कि शिक्षा प्राप्त की है। वहीं इन तीनो लड़कियों के पिता का कहना है कि हमारे पिता यज्ञ नारायण सिंह पटेल, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं,उनके आर्शीवाद से और लड़कियों की पढ़ाई के प्रति लगन के चलते हो उन्हें सफलता मिली है,जबकि वह एक साधारण किसान हैं।

अपने प्रदर्शन का श्रेय माता-पिता गुरु को देने वाली तीनों बहनें बहुत खुश हैं खुशी के दौरान उन्होंने अपने माता-पिता को मिठाई खिलाई। भविष्य में और भी परीक्षा की तैयारी करके सफलता हासिल करने की चाह लिए बहनों ने मिठाई खिलाकर माता-पिता का आशीर्वाद लिया l