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Sonbhadra News: मिर्चाधुरी में जबरन राख भरने एवं धमकी देने का मामला पहुंचा थाना, न्यायालय के स्थगन आदेश के बाद भी किया जा रहा राख भराव.

Story By: उमेश कुमार सिंह, अनपरा।

सोनभद्र।

अनपरा थाना अंतर्गत शिवबालक कुशवाहा पुत्र रामदास कुशवाहा निवासी ग्राम पोस्ट कचनी तहसील जिला सिंगरौली एवं ग्राम रणहोर परगना सिंगरौली तहसील दुद्धी जिला सोनभद्र के संक्रमणीय भूमिधर स्वामी ने आरोप लगाकर अनपरा थाने में शिकायत पत्र दिया है कि प्रार्थी के पिता की भूमि ग्राम मिर्चाधुरी पोस्ट रणहोर स्थित है जिसे उनके भाई सुदामा कुशवाहा अपने व परिवार के नाम अपने हिस्से से ज्यादा करा लिये है। जिसके संबंध में दुद्धी न्यायालय में वर्ष 2022 से प्रकरण विचाराधीन है।भूमि पर न्यायालय द्वारा यथास्थिति बनाये रखने हेतु आदेश पारित होने के बाद भी सभी तथ्यों को छिपाकर निजी पावर प्लांट / ट्रांसपोर्टर संजय सिंह जो खुद को भदोही के निवासी बताते हैं।उनसे एग्रीमेंट कराकर राख भरने का कार्य करा रहे हैं। वादी का आरोप है कि पारिवारिक संपत्ति के विवाद को ताक पर रखकर कार्य कराया गया साथ ही वर्क साइड पर कार्य करने वालों द्वारा मुकदमे की पैरवी कर रहे मेरे पुत्र सोनू को भी अंकित मिश्रा,सौरभ मिश्रा, एवं अन्य लोगों द्वारा फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकी देते हैं।

कहते हैं कि कहीं भी शिकायत कर लो हमलोगों का कुछ नहीं होने वाला मेरे घर से कई आईपीएस एवं उत्तर प्रदेश, बिहार सहित अन्य राज्यों में उच्च पदों पर कई अधिकारी हैं। एक फोन से ही तुम्हारा बहुत कुछ हो जायेगा और अनपरा थाना व राख देने वाली निजी पावर प्लांट के आफिस में पारिवारिक संपत्ति भूमि विवाद का माननीय न्यायालय द्वारा दिये स्थगन आदेश की सूचना देने जाने पर कहा जा रहा की यहां कैसे आ गये तुमको घर से उठवा लेंगे। हमलोगों का कुछ नहीं होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए मेरे द्वारा शिकायत पत्र दिया जा रहा मुझे व परिवार के सदस्यों को कुछ भी होता है तो इसके जिम्मेदार सुदामा कुशवाहा एवं निजी पावर प्लांट प्रशासन की होगी क्योंकि पारिवारिक संपत्ति विवाद को मुझ प्रार्थी एवं ट्रांसपोर्टर के गुर्गों द्वारा बनाया जा रहा है जबकि ट्रांसपोर्टर एवं उनके गुर्गों से मेरा और परिवार का कोई लेना-देना नहीं है। वादी अनुसार अब सवाल यह है कि वनविभाग द्वारा एनओसी को लेकर 819/0.6000 हेक्टेयर,823/0.1500 हेक्टेयर,824क/0.4550 हेक्टेयर, 824 ख,0.1500 हेक्टेयर, 825/0.1900 हेक्टेयर तथा 826/0.6370 हेक्टेयर में भूमि समतलीकरण हेतु राख भराव हेतु वनाधिकारी कार्यालय रेणुकूट द्वारा पत्रांक 2938, तारीख 22,02,2025 से अनापत्ति प्रदान किया गया।

माननीय न्यायालय सिविल जज (के,श्रे) दुद्धी सोनभद्र वाद संख्या 17,2025 शिवबालक आदि बनाम सुदामा आदि के आदेश दिनांक 3/3/2025 को आ,न, 823/0.1900 हेक्टेयर, 824 क/0.4550 हेक्टेयर, 2902 ड./1.0120 हेक्टेयर, 819/0.6070, 821/0.3040, हेक्टेयर, 822,/0.0190 हेक्टेयर पर यथास्थिति बनाए रखने का आदेश पारित किया गया है। लेकिन वादी का आरोप है कि आ.न. 826/0.6370 हेक्टेयर भूमि पर न्यायालय द्वारा कोई स्थगन आदेश नहीं दिया गया दिखाया गया और इसी पर भूमि समतलीकरण किए जाने का उल्लंघन नहीं पाया गया दिखाया जा रहा जबकि भूमि समतलीकरण राख भराव का कार्य वादी अनुसार 2902ड. /1.0120 पर कराया जा रहा है। वादी का कहना है कि उन्होंने सीमांकन के दौरान लेखपाल को जहां से सीमांकन के लिए कहा वहां से न करके अन्य स्थान से किया गया है। जिससे अधिकारियों की भूमिका को इन्होंने संदिग्ध माना है। सवाल क्या सीमांकन कराने वाले लेखपाल ने सीमांकन सही किया या नहीं ? क्या वनविभाग को ग़लत रिपोर्ट दिखाई गई? क्या मामले को जानबूझकर उलझाया गया? फिलहाल स्थानीय पुलिस ने कार्य पर रोक लगा दिया है।

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