Sonbhadra News: उड़ीसा के युवक में दिखा आस्था का सैलाब, पैदल ही निकला धार्मिक यात्रा पर, लोगों ने किया भव्य स्वागत.

Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
वर्तमान समय में भारत के लोगों में आस्था का सैलाब देखा जा रहा है कोई सीधे धार्मिक स्थल पहुंच रहा तो कोई पैदल ही धार्मिक यात्रा की तरफ रुख कर अपनी आस्था प्रतीत कर रहा है। ऐसे में उड़ीसा से जम्मू तक पदयात्रा पर निकले युवक का जगह-जगह रास्ते भर भव्य स्वागत किया जा रहा है।

उड़ीसा निवासी युवक शुभम साहू चोपन होते हुए रविवार शाम सात बजे राबर्ट्सगज पहुंचे। जहां नगर में पहुंचने पर उदभव सेवा समिति के द्वारा शुभम का पुष्प वर्षा कर भव्य स्वागत किया गया। समिति के अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने शुभम को माल्यार्पण कर शाल भेंट की। युवक ने बताया कि वह उड़ीसा से 3500 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकला है।

पहले वह महाकुंभ में स्नान करने प्रयागराज जाएगा इसके बाद वह अयोध्या मथुरा और इसके बाद वह जम्मू पहुंचकर मां वैष्णोदेवी धाम में दर्शन करेगा। राबर्ट्सगज पहुंचने पर उदभव सेवा समिति के कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय लोगों द्वारा युवक की हौसला आफजाई की। उदभव सेवा समिति के अध्यक्ष राजेश जायसवाल ने कहा कि शुभम के प्रयास की हम सराहना करते हैं जो पढ़ाई के दौरान बीच में समय मिलने पर देश भ्रमण कर लोगों से मिलजुल कर भाईचारे की भावना को बढ़ावा देते हैं।

वही उड़ीसा के रहने वाले अध्यात्मिक प्रयटक शुभम साहू तीर्थ पदयात्रा में निकले है और सोनभद्र से होते हुए मिर्ज़ापुर के रास्ते प्रयागराज कुंभ स्नान करना उनका पहला पड़ाव है। अगला पड़ाव आयोध्या राम जन्मभूमि मर्यादा पुरुषोत्तम राम जी का दर्शन करने करना है इसके बाद कृष्ण जन्मभूमि मथुरा जाना है। फिर दिल्ली हरियाणा पंजाब होते हुए माता वैष्णो देवी दर्शन करने जाना है।

शुभम साहू ने बताया इसके बाद उनका अगला पड़ाव जम्मू कश्मीर लद्दाख होगा। 3500 किलोमीटर की पदयात्रा पर निकलने वाले शुभम ने बताया कि इससे पहले 3000 किलोमीटर की पदयात्रा उन्होंने कर चुकी है। उड़ीसा से नेपाल गए थे। जनकपुरी के रास्ते पोखरा होते हुए पशुनाथ भगवान के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उन्होंने बताया कि भगवान की कृपा से पूरे रास्ते उनको कोई दिक्कत नहीं होती है।

बल्कि बहुत सारे लोग सहयोग भी करते हैं। शुभम ने बताया कि इंजीनियरिंग की पढ़ाई डिप्लोमा में की है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई एक तरफ और आध्यात्मिक जीवन एक तरफ। प्रयागराज पहुंचने के लिए 7 दिन लग जाएगा। इस दौरान रात में रेलवें स्टेशन पेट्रोल टंकी या मंदिर में रुक कर विश्राम कर लेते है।

छोटा गैस सिलेंडर रखे हुए है इसी पर खाना बनाते हैं या कोई होटल में खा लेते हैं। दिन भर में औसतन 20-25 किलोमीटर चल लेते हैं। कभी कभी 40-45 किलोमीटर भी चल लेते हैं।