Sonbhadra News: एसडीएम कोर्ट के आदेश पर हुई दुकान की कुर्की, पीड़ित का आरोप पैसों के बल पर हार गया इंसाफ.

Story By: चंदन कुमार, चोपन।
सोनभद्र।
चोपन थाना अंतर्गत सिंदुरिया रोड स्थित माकान के एक हिस्से को लेकर एसडीएम कोर्ट की कार्रवाई अमल में लाई गईं। एसडीएम ओबरा के निर्देशानुसार नायब तहसीलदार द्वारा माकान स्थित दुकान की कुर्की की कार्रवाई की गईं। बता दे कि कई महीने से संपत्ति बंटवारे को लेकर भाई-भाई में विवाद चल रहा था।

संपत्ति विवाद को लेकर 12 दिसम्बर 2024 को एक भाई ने दूसरे भाई पर लाठी-डंडो से हमला कर दिया था। जिसका वीडियो भी वायरल हुआ था। जिसके बाद कोर्ट में मामला जाने पर भी सम्पति विवाद पर आम सहमति नहीं बन पाई। दोनों पक्षो में विवाद कि स्थित को देखते हुए शुक्रवार कोर्ट में कुर्की की कार्रवाई की गईं। इस दौरान पीड़ित ने कहा पूरी तरह अपना पक्ष रखने का मौका कोर्ट से नहीं मिला।

कुर्की की कार्रवाई के दौरान नायब तहसीलदार कानिंगो और थाना अध्यक्ष प्रभारी चोपन के साथ बड़ी संख्या में पुलिस बल रही मौजूद। पीड़ित राम सकल जायसवाल ने बताया कि भाई ने अपने पोते की पढ़ाई के लिए हमारे घर में एक रूम देने की बात कहकर रूम लिया। भाई के कहने पर हमने रूम दे दिया।

फिर अचानक दो रूम कब्जा कर लिया गया। फिर बाद में संपत्ति को लेकर विवाद करने लगे, इस दौरान हमारे साथ और परिवार के सदस्यों के साथ लाठी-डंडों से मारपीट की गई। अब कोर्ट से कुर्की करने की कार्रवाई की जा रही है। दिसंबर से मामला चल रहा है और 3 महीने में ही कुर्की की कार्रवाई कर दी गई। पीड़ित राम सकल ने पैसा देकर कुर्की की कार्रवाई कराई गई है। ऊपर से हमे कोर्ट में पक्ष रखने का पूरा मौका नहीं मिला। होली के समय हमको जानकारी हुई कुर्की कर रहे हैं।

हमारे पास पूरा दस्तावेज है उनके पास कुछ भी नहीं है फिर भी जबरिया कुर्की की कार्रवाई की जा रही है। हमारे जीने का मात्र एक आधार घर में स्थित किराएदार ही है। 6 लड़कियां व एक लड़का है और हम पति-पत्नी रहते है। हमारे साथ मारपीट हुई लेकिन हमे थाने से न्याय नहीं मिला और न ही हमारा मेडिकल कराया गया।

कुर्की मामले को लेकर नायब तहसीलदार रजनीश यादव ने कहा शांति भंग होने की एक रिपोर्ट गई थी। दो भाइयों में संपत्ति को लेकर आपस में विवाद था। आपस में मारपीट होने के बाद चोपन थाने में फौजदारी और शांति भंग का मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसके बाद चोपन थाने से रिपोर्ट शांति भंग होने की रिपोर्ट न्यायालय में गई थी।

न्यायालय से आदेश पर ही कुर्की की कार्रवाई का आदेश हुआ था। उप जिलाअधिकारी ओबरा के आदेश से कुर्की की कार्रवाई की गई। कितने दिनों से मामला चल रहा था और कम समय में ही कुर्की की कार्रवाई होने की बाबत सवाल पर नायब तहसीलदार ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया।