उत्तर प्रदेशचंदौलीजिलेपूर्वांचल न्यूज़प्रयागराजबंगालमहाकुंभ 2025राज्यराष्ट्रीयवायरल न्यूज़

Chandauli News: डीडीयू जंक्शन पर रेलवे के दांवो की खुली पोल, सूचना के 40 मिनट बाद बीमार बच्ची का इलाज करने पहुंचे कंपाउंडर.

Story By: पूर्वांचल भास्कर डेस्क।

चंदौली। दिल्ली स्टेशन पर हुए हादसे के बाद भी डीडीयू रेल मंडल सबक लेने का नाम नहीं ले रहा है और यात्रियों की जान से खिलवाड़ जारी है। प्रयागराज महाकुंभ से लौट रहे श्रद्धालुओं कि भीड़ के बाद भी डीडीयू जंक्शन पर डीडीयू रेलवे ने स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर महज खाना पूर्ति करके रखा है। स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की बात करें तो यात्रियों के हालात बिगड़ने पर घंटों सूचना के बाद भी स्वास्थ्य कर्मी मौके पर इलाज के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। ऐसा एक नजारा देखने को मिला

डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो पर. जब ट्रेन में श्रद्धालुओं की खचाखच भीड़ के दौरान एक बच्ची की हालत बिगड़ गई और उसे बोगी से बाहर निकालकर मेडिकल ट्रीटमेंट के लिए स्टेशन अधीक्षक को जीआरपी आरपीएफ ने सूचना दी। दुर्भाग्य की बात यह रही कि डीडीयू जंक्शन पर सूचना के बाद भी कोई नहीं पहुंचा। लगभग 40 मिनट बाद दो कंपाउंडर पहुंचे और बच्ची का इलाज किया। उनकी सूचना पर मौके पर एक महिला डॉक्टर पहुंची। बच्ची की बिगड़ती हालत को देखते हुए तत्काल उसे डीडीयू रेल मंडल अस्पताल में भर्ती कराया गया।

दरअसल, बांद्रा से चलकर गांधीधाम होते हुए हावड़ा जाने वाली गांधीधाम एक्सप्रेस डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या दो पर सोमवार कि सुबह लगभग 11:00 बजे पहुंची। प्रयागराज से होकर आने के कारण ट्रेन में पहले से ही भारी भीड़ थी। ट्रेन जैसे ही डीडीयू जंक्शन पर पहुंची, यहां मौजूद हजारों की संख्या में श्रद्धालु यात्री बोगी में घुसना शुरू कर दिए। इस कारण गांधीधाम एक्सप्रेस के स्लीपर बोगी में काफी भीड़ हो गई, जिससे पहले से अपने परिजनों संग यात्रा कर रही 12 वर्षीय बच्ची की हालत बिगड़ गई।

यह देख उसके साथ मौजूद उसके मां-बाप चीखने-चिल्लाने लगे। इस बीच शोर सुनकर प्लेटफार्म पर ड्यूटी पर मौजूद आरपीएफ और जीआरपी के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे और भीड़ को खाली करा कर बोगी के अंदर फंसी 12 वर्षीय बच्ची को बाहर निकाला और जीआरपी थाने के पास लिटाया। इस दौरान परिजनों और जीआरपी जवानों ने तत्काल मामले की सूचना स्टेशन अधीक्षक कार्यालय को दी।

इस बीच लड़की की हालत बिगड़ती गई, परिजन काफी परेशान हो रहे थे और परिजन खुद ही लड़की के हाथ-पांव पर मसाज करने लगे। ताकि उसे राहत मिले। उसके चेहरे पर पानी का छींटा भी मारा गया, लेकिन लड़की को राहत मिलती नहीं दिखी। यह सब करते-करते लगभग 40 मिनट बीत गया। इस दौरान कुछ मीडिया कर्मी मौके पर पहुंचे और उन्होंने तत्काल आरपीएफ इंस्पेक्टर को इस मामले की जानकारी दी।

सारी कवायद के बाद 40 मिनट बाद मौके पर दो कंपाउंडर मौके पर पहुंचे, उन्होंने जांच-पड़ताल शुरू की और इलाज शुरू किया। इसके बाद उनकी सूचना पर मौके पर मंडल अस्पताल की एक महिला डॉक्टर पहुंची। लगभग 45 मिनट बाद बच्ची को मेडिकल सुविधा मिली, लेकिन बच्ची की हालत बिगड़ते देख उसे तत्काल मंडल रेल अस्पताल ले जाने का फैसला लिया गया। इस दौरान डॉक्टर बच्ची को लेकर मंडल अस्पताल रवाना हो गई।

वहीं मौके पर मौजूद डीडीयू मंडल रेल अस्पताल की डॉक्टर प्रतीक्षा सिंह ने बताया कि ट्रेन में भीड़-भाड़ की वजह से बच्ची को वीकनेस और कमजोरी हो गई है और वॉटर लॉस भी हो गया है। स्टेशन पर डॉक्टरों की संख्या कम है, लेकिन स्टेशन पर ड्यूटी होनी चाहिए। मेरी ड्यूटी अस्पताल में भी थी, इसलिए आने में कभी-कभी देरी हो जाती है। और लोगों को होना चाहिए, लेकिन अभी कुंभ का लास्ट हो गया है। भीड़भाड़ कम हो गई है नहीं तो यहां पर एक डॉक्टर की ड्यूटी होती है। इसलिए एक हफ्ते से अभी कम है क्योंकि अभी लास्ट चल रहा है कुंभ का, इसलिए भीड़ कम है।

महाकुंभ प्रयागराज से श्रद्धालु हजारों की संख्या में हर ट्रेन से डीडीयू जंक्शन पर पहुंच रहे हैं और यहां लगातार भीड़ को संभालने के लिए जीआरपी, आरपीएफ और रेलवे कर्मचारी तैनात हैं। लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था की बात करें तो डीडीयू जंक्शन पर आठ प्लेटफार्म हैं, यहां पर महज 2 से 3 स्वास्थ्य कर्मी और एक डॉक्टर को तैनात किया गया है। इससे आप खुद समझ सकते हैं कि अगर किसी मरीज की हालत बिगड़ी तो उसको कितनी जल्दी स्वास्थ्य सुविधा मिल पाएगी।

बड़ी बात यह है कि खुद मंडल रेल अस्पताल के डॉक्टर ने माना कि यहां डॉक्टरों की कमी है और स्वास्थ्य कर्मचारियों की कमी है। यही नहीं रेलवे के महिला डॉक्टर ने ये भी कहा कि कुंभ की भीड़ खत्म हो गई है। यह सब कुछ अपने आप में रेलवे की महाकुंभ के श्रद्धालुओं को लेकर तैयारी की पोल खोलने के लिए काफी है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!