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Sonbhadra News: महाकुम्भ के लिए निकले हज़ारों श्रद्धांलुओं को हाथ लगी निराशा, ट्रेन में जगह न मिलने से हजारों श्रद्धालु बैरंग लौटे वापस.

Story By: चंदन कुमार, चोपन।

सोनभद्र।

आस्था के महाकुंभ में हर कोई डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य करना चाहता है। डुबकी लगाने के लिए कोई विशेष त्यौहार का तो कोई वीकेंड के दिन अपने परिवार के साथ महाकुंभ में डुबकी लगाने की सोचता है। इसी बात का ध्यान रखकर शनिवार और रविवार 2 दिन की छुट्टी पर लोगों की हुजूम शुक्रवार शाम को महाकुंभ जाने के लिए निकल पड़ी।

लेकिन उन्हें क्या पता था कि उनकी ख्वाहिश अभी फिलहाल अधूरी ही रहेगी। दरअसल श्रद्धांलुओं का जत्था ज़ब चोपन स्टेशन के प्लेटफॉर्म पहुंचकर त्रिवेणी ट्रेन का इंतज़ार कर रहे थे। ट्रेन प्लेटफार्म पर पहुंची तो श्रद्धांलुओं के होश उड़ गए। लोगों के भीड़ से भरी ट्रेन की बोगी देखकर उनके मंसूबों पर पानी फिर गया।

रही कसी कसर बोगी की गेट अंदर से बंद होने ने कर दी। हालांकि कुछ श्रद्धांलुओं ने ठान लिया की आज ही वो त्रिवेणी ट्रेन से प्रयागराज कुम्भ के लिए रवाना होंगे। धक्का मुक्की के बाद बहुमुश्किल से 5 पर्सेंट श्रद्धांलु ही ट्रेन की बोगी में चढ़ने में कामयाब हुए। त्रिवेणी की चाहे एसी बोगी हो या स्लीपर फिलहाल जनरल बोगी ही बनकर रह गईं है।

जो यात्री ट्रेन में नहीं चढ़ पाए उनको बहुत ही निराशा हाथ लगी ओबरा से कुम्भ के लिए जाने वाली श्रद्धालु सुनीता पांडे ने बताया कि आज हमलोग कुम्भ नहाने ट्रेन से निकलने वाले थे, लेकिन ट्रेन में जगह ही नहीं मिली। सीट की बात तो दूर बोगी का गेट ही नहीं खुला तो हमलोग ट्रेन से नहीं जा पाए, अब निराश होकर घर की तरफ जा रहे है। हां मौका अभी और आएगा भीड़ कम होने पर महाकुम्भ स्नान ज़रूर करने जाएंगे हम सभी।

एक अन्य श्रद्धालु ने बताया किसी तरह तो हम बोगी में घुस गए लेकिन पैर रखने की जगह नहीं थी और हमारे साथ ग्रुप के अन्य लोगों में महिला सहित कई बच्चे थे इसलिए हम प्रयागराज नहीं गए। एक दो घंटे की बात होती तो चला जाता, लेकिन 8-से-10 घंटे का सफर करना मुश्किल हो जाता। इसलिए हमलोग न जाने में ही अपनी भलाई समझें, गुस्सा तो बहुत आया की घर से क्या सोचकर निकले थे और हमारे साथ क्या हो गया। गुस्सा तब और बढ़ गया ज़ब टिकट का वापस पैसा 30 रुपये काट कर मिला।

श्रद्धालु सुरेन्द्र प्रसाद गुप्ता ने कहां बहुमुश्किल से ट्रेन में कोशिश करने पर जगह मिलती, लेकिन ऐसा भी जाना क्या जो रास्ते भर चिंता का कारण बन जाये। हालांकि स्टेशन पर मौजूद 5 परसेंट लोग ट्रेन में चढ़ गए। सुनने में आया था कि सरकार महाकुंभ को लेकर स्पेशल ट्रेन चला रही है लेकिन चोपन स्टेशन पर ऐसी कोई भी सुविधा सरकार की तरफ से यात्रियों को नहीं उपलब्ध हो पा रही है। सरकार की यही सुविधा की कंडीशन है कि इतनी दूर आने के बाद हमें घर वापस निराश होकर जाना पड़ रहा है।

चोपन स्टेशन से ट्रेन में जगह न मिलने की वजह से कुछ श्रद्धांलुओं ने बस स्टैंड की तरफ रूख किया तो बहुत से श्रद्धालु अपने घर जाना ही मुनासिब समझा। क्योकि चोपन स्टैंड पर आज बस कम ही दिखी, हाथीनला क्षेत्र में एक बार फिर लम्बा जाम कई घंटो लगा रहा। जिस वजह से बहुत सी बसों ने रुट बदल कर चोपन आना शुरू किया, जिस वजह से बसे कई घंटे लेट रही। वाराणसी से शक्तिनगर जाने वाली बस जाम से बचने के चक्कर में चोपन से ही वापस अपने गंतब्य को जाना बेहतर समझा।

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