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Chandauli News: हैंडपंप रिबोर घोटाले में बड़ी कार्रवाई, ग्राम प्रधान सत्येंद्र कुमार सिंह की जमीन कुर्क, 21 दिन में होगी प्रधान की संपत्ति की नीलामी.

Story By: पूर्वांचल भास्कर डेस्क। 

चंदौली। चहनियां विकास खंड अंतर्गत महुआरी खास गांव में हैंडपंप रिबोर घोटाले को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाते हुए बड़ी कार्रवाई की है। करीब डेढ़ साल पुराने इस मामले में ग्राम प्रधान सत्येंद्र कुमार सिंह की जमीन को कुर्क कर लिया गया है। सकलडीहा तहसील प्रशासन के अनुसार, अब इस जमीन की नीलामी आगामी 21 दिनों के भीतर की जाएगी। आपको बता दें, यह मामला अगस्त 2022 में उस समय सामने आया जब गांव के ही निवासी राजकिशोर सिंह ने जिलाधिकारी को लिखित शिकायत दी थी। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि ग्राम प्रधान सत्येंद्र कुमार सिंह और ग्राम सचिव ने मिलकर हैंडपंप रिबोर के नाम पर 1.06 लाख रुपये का गबन किया है। यह धनराशि ग्रामीणों की मूलभूत जल सुविधा के लिए आवंटित की गई थी, लेकिन भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई। शिकायत की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने मामले की जांच कराई, जिसमें राजकिशोर सिंह के लगाए गए आरोप सही पाए गए। जांच रिपोर्ट के आधार पर ग्राम प्रधान और सचिव दोनों पर दोष सिद्ध हुआ और उन्हें बराबर-बराबर यानी 53-53 हजार रुपये की वसूली का आदेश जारी किया गया।

थाना बलुआ
थाना बलुआ

हालांकि, ग्राम प्रधान को नोटिस दिए जाने के बावजूद उन्होंने निर्धारित राशि जमा नहीं की। इसके बाद राजस्व विभाग ने उनके विरुद्ध वसूली प्रमाण पत्र (आरसी) जारी किया, लेकिन प्रधान तब भी भुगतान करने से बचते रहे। अंततः उनके खिलाफ वारंट जारी किया गया। वारंट जारी होने के बाद से ग्राम प्रधान फरार चल रहे हैं। तहसील प्रशासन ने उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी महुआरी खास और महेशपुर गांव में स्थित वैधानिक अंश की जमीन को कुर्क कर लिया है। सकलडीहा एसडीएम कुंदन राज कपूर ने जानकारी देते हुए बताया कि कुर्क की गई जमीन को राजस्व नियमों के अनुसार 21 दिन के भीतर नीलाम कर दिया जाएगा, जिससे शासकीय धन की भरपाई की जा सके। इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। ग्रामीणों में चर्चा है कि प्रशासन ने जिस तरह से बिना किसी राजनीतिक या सामाजिक दबाव के कार्रवाई की, उससे भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश गया है। वहीं, अन्य ग्राम प्रधानों और पंचायत प्रतिनिधियों में भी हलचल देखी जा रही है, जो अपने-अपने कार्यकाल की पारदर्शिता को लेकर चिंतित नजर आ रहे हैं।

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