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Sonbhadra News: महाशिवरात्रि पर बम-बम भोले के नारे से गुंज उठा सोमनाथ शिवालय, हज़ारों की संख्या में श्रद्धांलुओं ने किया जलाभिषेक.

Story By: चंदन कुमार, चोपन।

सोनभद्र।

महाशिवरात्रि के खास मौके पर देश के अन्य हिस्सों के साथ सोनभद्र में भी आस्था के सैलाब की रौनक देखी जा रही है। गुप्तकाशी के नाम से प्रसिद्ध गोठानी के सोमनाथ मंदिर में श्रद्धांलुओं की धूम देखी गईं। चोपन विकास खंड से मात्र 8 किलोमीटर दूर अगोरी सम्राज्य के राजा द्वारा मंदिर की स्थापना हज़ारों साल पहले कराई गईं थी।

तब से लेकर आज तक मंदिर शक्ति का केंद्र बना हुआ है। आसपास के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों से भक्त वैसे तो हरदम मंदिर में बाबा सोभनाथ के दर्शन के लिए आते है। महाशिवरात्रि के मौके पर हज़ारों की संख्या में श्रद्धांलुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है।

आने वाले श्रद्धालु पहले सोन नदी तट से पवित्र जल जल लेकर बाबा शोभनाथ पर जल अर्पण करते है और आने वाला समय अच्छे से बीते देश में सुख शांति स्थापित हो इसकी कामना करते है। शिवालय में महाशिवरात्रि के मौके पर भव्य तैयारी महीनो से की जा रही थी। रंगाई से लेकर फूलों व लाइटों से पूरे मंदिर परिसर को सजाया गया है।

भक्त सुबह से ही मंदिर प्रांगण में सुबह से ही कतार में खड़े होकर अपनी बारी का इंतज़ार करते दिखे। पूरा मंदिर प्रांगण हर-हर महादेव के जयघोष से लगातार गुंजामय दिखता रहा। भक्त ने बताया कि गुप्तकाशी के नाम से जाने जाने वाला यह पूरा क्षेत्र सोन नदी का है सो नदी तट के बगल में ही गोतनी गांव स्थित बाबा सोमनाथ का प्राचीन मंदिर है मान्यता है कि मंदिर 1000 वर्ष पुरानी है। यहां पर भगवान भोलेनाथ ध्यान निद्रा में बैठे हुए हैं।

यहां बाबा को कोई लाकर विस्थापित नहीं किया है स्वयं बाबा अपने आप प्रकट हुए हैं। मंदिर में पूजा करने वाले महंत गिरी ने बताया कि वह मंदिर का पूजा करते हैं और आने वाले दर्शानार्थियों को भी पूजा करते हैं। 1000 वर्ष पुरानी प्राचीन मंदिर है।

महाशिवरात्रि के खास मौके पर भक्तों का रेला मंदिर में आ रहा है लगभग 6:00 बजे से जो लाइन लगी है वह अभी तक लगी हुई है हर श्रद्धालुओं को एक से दो घंटे बाद लम्बी कतारे में लगकर दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त मिल रहा है।

एक महंत ने यहां तक कह डाला की पहले इतनी भक्ति भावना नहीं थी लेकिन जब से मोदी सरकार आई है तब से लोगों में इतना ज्यादा श्रद्धा उमड़ कर देखने को मिल रहा है। जलाभिषेक करने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए हम लोग 4:00 बजे मंदिर प्रांगण में पूजा करने आ गए थे जो अभी तक निरंतर चल ही रहा है। शाम 8:00 बजे तक श्रद्धालुओं का खोजो मंदिर में देखने को मिलेगा।

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