Sonbhadra News: महाकुंभ में दुर्व्यवस्थाओं के चलते हुई मौतों की जिम्मेदार योगी सरकार को बर्खास्त करने की मांग, कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर सौंपा गया ज्ञापन.

Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
गुरुवार को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य व्यापी आवाहन पर जिला कमेटी सोनभद्र के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना रहा कि प्रयागराज महाकुम्भ में हुई भगदड़ में मरने वालों की मुकम्मल जानकारी उपलब्ध कराने, मृतक श्रद्धालुओं के आश्रितों को मुवावजा देने, लापता लोगों को खोज कर उनके परिवार वालों को सौपने, भगदड़ की जिम्मेदारी तय करने, घटना की न्यायिक जांच कराने, योगी सरकार को बर्खास्त करने आदि मांगों को लेकर दिनांक 6 फरवरी 2025 के इस धरना/ प्रदर्शन के माध्यम से राष्ट्रपति का आकृष्ट करते हुए समस्याओं के समाधान की मांग किया।

मांगों में 1-प्रयागराज महाकुम्भ में हुई भगदड़ में कुचल कर मरने वाले श्रद्धालुओं की सही संख्या की सही जानकारी से देश की अवाम को अवगत कराया जाये। 2- मृतक श्रद्धालुओं के आश्रित परिवार को तत्काल 50 _ 50 लाख रुपये मुवावजा दिया जाये और घायलों की मुकम्मल निशुल्क चिकित्सा करा कर सुरक्षित उनको घर तक पहुंचाया जाये। 3-महाकुम्भ में लापता श्रद्धालुओं को तलाश कर सुरक्षित उनको उनके परिवार तक पहुंचाया जाये। 4-प्रयागराज महाकुम्भ में हुई भगदड़ और महाकुम्भ में व्यापक पैमाने पर किए गए भ्रष्टाचार की उच्चतम न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश से जांच करा कर दोषी लोगों के खिलाफ शीघ्रातिशीघ्र कठोर कार्यवाही सुनिश्चित किया जाये। 5- महाकुम्भ में हुई भगदड़ और अन्य दुर्घटनाओं में की गई लापरवाही से सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारियों की भी जांच करा कर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही किया जाये।

6- महाकुम्भ में आये हुए श्रद्धालुओं व मृतकों के परिजनों और लापता लोगों के परिजनों के साथ दुर्व्यवहार करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच करा कर तत्काल उनको दण्डित किया जाये। 7- महाकुम्भ में हुई भगदड़, मौतों, लापता श्रद्धालुओं के प्रति सीधे- सीधे योगी आदित्यनाथ सरकार जिम्मेदार है ऐसी स्थिति में योगी सरकार को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाये। 8- प्रयागराज महाकुम्भ जैसी दुर्घटनाओं की पुनरावृत्ति भविष्य में देश के किसी भी हिस्से में न होने पाये, इसकी भी गारंटी सुनिश्चित किया जाये। 9- महाकुम्भ में आये हुए महामंडलेश्वर, शंकराचार्यों , साधू- सन्तों के अनर्गल बयानों और भूमिका की जांच करा कर उस पर रोक लगाई जाये आदि प्रमुख मांग रहीं। मौके पर पार्टी के जिला सचिव कामरेड आर के शर्मा ने कहा कि कुंभ की दुर्व्यवस्थाओं के लिए उ.प्र.सरकार और मीडिया को भी बराबर का दोषी करार दिया है। उन्होंने कहा कि मीडिया ने भी इस भीड़ के एकत्र करने में योगदायी भूमिका निभाई है।

उ.प्र.के मुख्यमंत्री कई बार कुंभ मेला क्षेत्र की व्यवस्था का जायजा लेने प्रयाग आये हैं तथा हर बार मेले की उत्तम व्यवस्था की डींगे हांकीं हैं ताकि अधिकाधिक भीड़ को जुटाकर वाहवाही बटोरी जा सके तथा हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में किया जा सके। अन्य वक्ताओं ने कहा कि कुंभ मेले में घटी इस घटना ने सबकी कलई खोलकर रख दिया।अब प्रदेश सरकार सच को दबाने के लिए कह रही है कि अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। जिनकी लापरवाही से यह सब घटित हुआ उनके खिलाफ क्या होगा, इसपर वह मौन हैं। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मेले की सुरक्षा व्यवस्था, यातायात व्यवस्था में घोर कमियां रही हैं। प्रेमानंद पुरी के बयान से यही प्रकट होता है कि कमियों को उजागर करने के बाद भी सरकार हरकत में नहीं आयी थी।

प्रशासनिक अमला वी आई पी लोगों को खुश करने में लगा रहा है। भीड़ के नियंत्रण और आम जनता की सुरक्षा उसके एजेंडे में थी ही नहीं। उसी लापरवाही का परिणाम है कि 30 से अधिक लोगों की मौत हुई है तथा पचास से अधिक लोग घायल हैं। यह आंकड़ा सरकारी है जो बढ़ भी सकता है। आम जनता की मौतों और चोटहिलों की संख्या का सच सामने आना चाहिए ताकि इस घटना में हुई चूक का संज्ञान लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। घटना के दोषियों को जांच कराकर दंडित किया जाय तथा उ.प्र.के मुख्यमंत्री को इस चूक की नैतिक जिम्मेदारी स्वयं पर लेनी चाहिए। इस अवसर पर प्रेम चंद्र गुप्ता, बसावन गुप्ता, चन्दन पासवान, गौरी शंकर, फुलमती, विरेन्द्र दूबे, हृदय नारायण, राम सागर शर्मा, राम सुरत बैगा, तारकेश्वर गुप्ता, शिव नारायण, कमला गोंड, राम अधार कोल, लल्लन व अमर नाथ सूर्य प्रमुख रूप से मौजूद रहे।