Chandauli Video: गरीब रथ एक्सप्रेस की कोच पर चढ़ा अर्धविक्षिप्त युवक, मची अफरा-तफरी, आरपीएफ इंस्पेक्टर की सूझबूझ से टला हादसा.

Story By: संदीप कुमार, बड़ा बाबू, डीडीयू नगर।
चंदौली। डीडीयू जंक्शन पर शुक्रवार रात उस समय हड़कंप मच गया जब एक अर्धविक्षिप्त युवक प्लेटफार्म संख्या तीन पर खड़ी एक्सप्रेस ट्रेन की छत पर चढ़ गया। अचानक हुई इस घटना से अफरा-तफरी मच गई। यह नजारा देख प्लेटफार्म पर मौजूद यात्री जोर-जोर से चीखने-चिल्लाने लगे। मामले की जानकारी होते ही मौके पर पहुंचे आरपीएफ जवानों ने दो घंटे की मशक्कत के बाद अर्धविक्षिप्त युवक को ट्रेन से नीचे उतारा। तब कहीं जाकर ट्रेन आगे के लिए रवाना हो पाई।
दरअसल, बिहार के पाटलिपुत्र से बंगलूरू जा रही 22351 अप सुपरफास्ट गरीब रथ एक्सप्रेस शुक्रवार देर रात लगभग साढ़े 12 बजे डीडीयू जंक्शन के प्लेटफार्म संख्या तीन पर पहुंची। इस दौरान ट्रेन के रुकते ही यात्री ट्रेन में सवार हो रहे थे। महाकुंभ के कारण प्लेटफार्म पर यात्रियों की काफी भीड़ थी।

इस कारण ट्रेन में भी काफी भीड़ हो गई। इसी दौरान एक युवक किसी तरह ट्रेन के एस-2 कोच की छत पर पहुंच गया। यह नजारा देख वहां मौजूद लोग हैरान हो गए क्योंकि ट्रेन के ऊपर से हाई टेंशन तार गुजर रही थी, जिसमें 25 हजार वोल्ट का करंट प्रवाहित हो रहा था।

यात्रियों को यह समझते देर नहीं लगी कि कोई बड़ा हादसा हो सकता है, जिस पर यात्री चीखने-चिल्लाने लगे। इस दौरान चीखते-चिल्लाते हुए यात्री युवक को कोच के छत पर लेटने के लिए कहने लगे। युवक को यात्रियों की बात समझ में आई और वह बोगी के छत पर लेट गया। इस दौरान सूचना पाकर मौके पर जीआरपी, आरपीएफ के जवान और वाणिज्य विभाग के लोग पहुंचे।

इस दौरान मौके पर पहुंचे डीडीयू आरपीएफ पोस्ट निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने सूझबूझ का परिचय देते हुए खुद मोर्चा संभाला। उन्होंने युवक को काफी समझाने का प्रयास किया और कंट्रोल को सूचना दी। जिस पर ट्रेन के ऊपर से गुजर रही हाई टेंशन ओएचई वायर की लाइन काटी गई। फिर मौके पर सीढ़ी मंगा कर आरपीएफ इंस्पेक्टर प्रदीप रावत बोगी के ऊपर चढ़े और युवक को किसी तरह समझा-बुझाकर नीचे उतारा। तब कहीं जाकर लोगों ने राहत की सांस ली। इस दौरान हुए हंगामे के बीच लगभग दो घंटे बाद ट्रेन अपने गंतव्य के लिए रवाना हुई।

इस संबंध में डीडीयू आरपीएफ पोस्ट निरीक्षक प्रदीप कुमार रावत ने बताया कि एक युवक ट्रेन की बोगी पर चढ़ गया था, उसे काफी समझा-बुझाकर नीचे उतारा गया और ट्रेन को आगे के लिए रवाना किया गया। अगर समय रहते तत्परता नहीं दिखाई गई होती तो युवक की जान भी जा सकती थी।