Sonbhadra News: न्यायालय के रोक के आदेश के बावजूद राख भराव का कार्य बदस्तूर जारी, जीवनदयानी पीपल के वृक्ष पर संकट.

Story By: उमेश कुमार सिंह, अनपरा।
सोनभद्र।
अनपरा थाना अंतर्गत मिर्चाधुरी में वादी अनुसार न्यायालय के आदेश पर जिस भूमि पर राख भराव के लिए रोक लगाई गई है। उसे कागजों पर वनविभाग से एनओसी लेकर राख भराव किया गया,जबकि वादी अनुसार वनविभाग द्वारा एनओसी 826/0.6370 की भूमि पर लिया गया है।लेकिन राख भराव अन्य आराजी नंबर पर कराया गया। वादी ने बताया बुधवार को सीमांकन आराजी नंबर 826 का हुआ जिसके पूर्व की ओर उनकी भूमि व उसके बाद वनविभाग की भूमि है,पश्चिम की तरफ राख भराव किया जाना है लेकिन इसके विपरित कार्य किया गया वादी अनुसार।अब सवाल क्या वनविभाग द्वारा पीपल के वृक्ष को भी जमींदोज के लिए एनओसी दिया गया अगर दिया गया तो उसपर नंबरिंग कहा? और अगर नहीं दिया गया तो वृक्ष की जड़ों के नजदीक ही राख भराव किया गया है और क्या भविष्य में पीपल के वृक्ष को राख भराव से कोई क्षति नहीं पहुंचेगी? क्या पीपल का वृक्ष अब भी सुरक्षित जबकि उसके आस-पास की नींव की खोदाई कर दी गई क्या इसी तरह अन्य पेड़ – पौधो को भी मौका का फायदा उठाकर नष्ट किया गया? क्या राख भराव से पर्यावरण पर कोई असर नहीं पड़ेगा? कुछ ही दिनों बाद बरसात के मौसम की शुरुआत हो जायेगी क्या इसकी गारंटी है की इस दौरान पीपल का वृक्ष अपने स्थान पर अपने वजूद को सुरक्षित रख सकेगा? आमतौर पर देखा जाता है कि राज्यमार्ग या अन्य स्थानों पर अगर पीपल का वृक्ष इसके जद में आता है तो इसे सुरक्षित व संरक्षित करने के उद्देश्य से उसे जस का तस छोड़ दिया जाता है?

इसका उदाहरण हाल-फिलहाल औडी -शक्तिनगर राज्यमार्ग दोहरीकरण में स्थित मर्र्क पेट्रोल पंप के करीब 100 मीटर आगे पीपल का वृक्ष अभी भी अपने स्थान पर पूर्व की भांति मौजूद है।अब सवाल यह की क्या सरकार में इतनी हिम्मत थी कि जो वृक्ष मनुष्यों के लिए सबसे अधिक आक्सीजन उत्सर्जन करता हो उसे अपने विकास के लिए हटा सके शायद आला अधिकारियों को भी पता था कि यह दैवीय वृक्ष है और मनुष्यों के लिए इसकी कितनी उपयोगिता है इसलिए उसे संरक्षित रखा गया! अब सवाल क्या इस छुट…… कांट्रै…. में मनमाने तरीके से कथित नियमों कि अनदेखी कर राख भराव किया गया। सवाल यह है कि जिले में इसी तरह बाहर से आये ठेकेदारो द्वारा जिले के पर्यावरण को ऐसे ही क्षति पहुंचाया जायेगा और आला अधिकारी मौन धारण किये रहेंगे ? जबकि पर्यावरण दिवस पर प्रधानमंत्री ने देशवासियों से एक पेड़ मां के नाम , लगाने का आह्वान किया था। तो वहीं प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बीते वर्ष पौधरोपण जन अभियान बीते वर्ष शुभारंभ किया जिसके तहत 36.50 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य था। मिर्चाधुरी में कथित नियमों की अनदेखी हुई तो इसके लिए जिम्मेदार कौन? क्या स्थानीय वनविभाग या क्या एनओसी देने वाले अधिकारी? या कथित लेखपाल?