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Sonbhadra News: सोनभद्र में दिखा भारत बंद का असर, SC/ST आरक्षण में क्रीमीलेयर के मुद्दे को लेकर आज भारत बंद का था आह्वान.

Story By: अनुज जायसवाल, रॉबर्ट्सगंज।

सोनभद्र।

सुप्रीम कोर्ट के SC ST आरक्षण में क्रीमीलेयर लागू करने के फैसले के खिलाफ दलित-आदिवासी संगठनों की ओर से बुधवार को भारत बंद का ऐलान किया गया। जिसका असर सोनभद्र में आंशिक रूप से देखने को मिला। जिला मुख्यालय में हज़ारों की संख्या में कई दलित आदिवासी संगठनों ने एकजुट होकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल जमकर नारेबाजी की। इस दौरान बसपा व आजाद हिंद जैसे संगठनों ने भागीदारी कर जमकर प्रदर्शन किया तानाशाही नहीं चलेगी जैसों नारे से कलेक्ट्रेट परिसर गूंजता रहा। एससी एसटी और ओबीसी की सुरक्षा की मांग को लेकर आज देश भर में पूरी तरह से बंदी की घोषणा के साथ दलित और आदिवासी प्रदर्शन कर रहे हैं।

प्रदर्शनकारी एससी एसटी और ओबीसी के रिजर्वेशन को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले से नाखुश हैं। दलित और आदिवासी संगठनों का कहना है कि दलित, पिछड़ा वर्ग और आदिवासी समुदाय को हाशिए पर रखा गया है। उन्हें इसलिए सरकार से उन्हें न्याय दिलानें और मांगों को लेकर यह बंद घोषित किया गया है। सोनभद्र में प्रदर्शनकारी सड़क पर उतरकर प्रदर्शन किया फिर कलेक्ट्रेट में पहुंच कर राष्ट्रपति को नामित ज्ञापन दिया। भारत बंद के आह्वान के दौरान बसपा जिला अध्यक्ष बी सागर ने कहा कि मायावती के निर्देश पर सुप्रीम कोर्ट का जो एससी एसटी आरक्षण पर जो फैसला आया था उसके खिलाफ आज भारत बंद का आह्वान किया गया है।

भारत बंद के समर्थन में जिला अधिकारी को राष्ट्रपति के नामित ज्ञापन दिया गया। सुप्रीम कोर्ट का जो फैसला आया है इसमें हमारे अधिकारों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है साथ ही हम सभी के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। हम लोगों के खिलाफ रणनीति के तहत बहुत बड़ी साजिश की जारी है। हमारे जो एससी एसटी के लोग हैं अभी तक इनको किसी तरह का फायदा नहीं मिल पाया। आने वाले समय में आरक्षण का लाभ बच्चे के लिए ज़रूरी है, आरक्षण समाज के सभी लोगों की जरूरत है। एक तरह से हमारे समाज के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है और साजिश की जा रही है। बड़ी राजनीति की शिकार बनाये जा रहे है एससी एसटी के लोगों को। हम समाज विरोधी फैसले का विरोध करते हैं।

वही एडीएम सहदेव मिश्रा ने बताया कि कुछ दिन पहले सर्वोच्च न्यायालय के की तरफ से आरक्षण के संबंध में फरमान जारी हुआ था। उसी को लेकर अलग-अलग समूह के लोगों ने जनप्रतिनिधियों के आह्वान पर इकठा लोगों ने ज्ञापन दिया। हालांकि गवर्नमेंट ने अपना स्टैंड क्लियर कर दिया है ऐसा कुछ नहीं करने जा रहे हैं। फिर भी भारत बंद का आह्वान किया गया। आंदोलन कर रहे समूहों का ज्ञापन प्राप्त कर लिया गया है। जिसे राष्ट्रपति को फॉरवर्ड किया जाएगा।

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