Chandauli News: बत्तख के अंडे को लेकर हुए विवाद में दो सगे भाईयो ने दी रामवतार को खौफनाक मौत, हत्याकांड का सनसनीखेज खुलासा.
Story By: अशोक जायसवाल, नौगढ़।
चंदौली। नौगढ़ थाना क्षेत्र के बाघी कोठी घाट निवासी राम अवतार उर्फ सिपाही की निर्ममता से किए गए हत्या का रविवार को पुलिस ने सनसनीखेज खुलासा किया। बत्तख के अंडे को लेकर हुए विवाद में दो सगे भाइयों ने खुनी साजिश रचते हुए मृतक रामवतार उर्फ़ सिपाही को बजनवा पहाड़ी पर ले जाकर पहले शराब पिलाया। फिर रामावतार की गला रेतकर दोनों भाइयों ने हत्या कर दी। जानकारी के अनुसार चकरघट्टा थाना क्षेत्र के चिकनी मगरही मार्ग पर डीहबाबा बजनवा पहाड़ी पर बीते बुधवार को राम अवतार उर्फ सिपाही का शव क्षत-विक्षत रूप में मिला था। जिसमें कमर से सीने तक का हिस्सा जंगली जानवर खा गए थे।
मृतक के पिता राम प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने मृतक राम अवतार के साथी प्रदीप और उसके भाई सुरेंद्र के खिलाफ तहरीर दिया था। जिसमें पुलिस कई संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी। इस बीच रविवार की सुबह हत्यारोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पुलिस लाइन में मामले का खुलासा करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक ऑपरेशन अनिल कुमार यादव ने बताया कि रामावतार की हत्या से 15 दिन पहले मछली और बत्तख के अंडे को लेकर रामवतार और प्रदीप के बड़े भाई मंजीत के साथ मारपीट हो गई थी। जिसमें मृतक रामवतार ने मंजीत को मार दिया था। बड़े भाई को मार खाता हुआ देख छोटा भाई प्रदीप कुंठित हो गया और उसे जान से मारने की फिराक में पड़ गया और साजिश रचने लगा।
जिसमें 24 अगस्त को मृतक राम अवतार अपने घर पर बैठकर अमरुद खा रहा था। आरोपित प्रदीप वहां पर पहुंच गया और और नौगढ़ कस्बा में जाने के लिए उसे अपनी मोटरसाइकिल पर बैठा लिया और कस्बा बाजार पहुंच गया। उसे नहीं पता था कि यह लोग इसकी हत्या करने वाले हैं। नौगढ़ कस्बे में पहुंचकर दोनों ने देसी शराब की दुकान से एक सीसी देसी शराब और एक केन बियर लिया। नमकीन की पैकेट गिलास और दाना भी लिया। उसके बाद तीनों मोटरसाइकिल से बैठकर नौगढ़ क्षेत्र के कहुअवा घाट पुल पर पहुंचे।
जहां पर मृतक रामवतार ने अपना रील वीडियो बनाया था। उसका वीडियो बनाने वाला कोई और नहीं प्रदीप ही था। रील बनाने के बाद मोटरसाइकिल पहाड़ी के नीचे खड़ी कर तीनों बजनवा पहाड़ी पर पहुंच गए। वहां पर बैठकर तीनों ने शराब पी। इस बीच आरोपी मंजीत ने पीछे से आकर पत्थर से रामवतार के सर पर वार कर दिया।रामावतार वहीं पर सर पकड़ कर बैठ गया। इस दौरान प्रदीप के साथ हाथापाई भी होने लगी। उसके बाद मंजीत ने पत्थर से ही दूसरा वार कर दिया। जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा और छटपटाने लगा। मौका देखते ही मंजीत ने चाकू से उसका गला रेत दिया। जिससे मौके पर ही रामावतार की मौत हो गई। उसके बाद उसके शव को पेट के बल लिटा कर उसके सर पर पत्थर रख दिए और दोनों आरोपी अपने घर आ गए।
रात को जब राम अवतार घर नहीं पहुंचा तो पिता राम प्रसाद प्रदीप के घर पहुंच गए और उसके बारे में पूछा तो उसने बताया कि मेरे साथ गया था। लेकिन नौगढ़ कस्बा बाजार में ही उतर गया। उसके बाद मै गाड़ी पंचर बनवाने लगा और वहां से कहां गया मुझे नहीं पता है। उसके बाद मृतक रामवतार के परिजन उसकी तलाश करने लगे। रिश्तेदारी दोस्तों से भी काफी पूछताछ किया। लेकिन पता नहीं चला। पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज करते हुए आरोपी मंजीत को जिला कारागार भेज दिया एवं बाल अपचारी प्रदीप जो की नाबालिग था। उसको बाल सुधार गृह रामनगर भेज दिया।