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Varanasi News: गंगा तट पर बही शिव महिमा की बयार, पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया देवाधिदेव की महिमा, एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल.

Story By: पूर्वांचलभास्कर डेस्क।

वाराणसी। सतुआ बाबा गौशाला डोमरी में महामण्डलेश्वर सन्तोष दास ‘सतुआ बाबा के सानिध्य में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा बड़े ही श्रद्धापूर्वक जजमान के साथ पुरोहितों द्वारा कथा मंच के पूजन के साथ प्रारंभ हुआ। कथा में पण्डित प्रदीप मिश्रा (सिहोर वाले) ने अपने मुखारबिंद से पंडाल में उपस्थित जजमान सहित देश विदेश और दूर दराज से आए हुए श्रोता श्रद्धालुओं को शिव महापुराण की कहानियों में उल्लेखित भगवान शिव की महिमा के बारे में बताया।

उन्होंने कहा कि कैसे भगवान शिव पर चढ़ाया एक लोटा जल 33 कोटि देवी देवताओं को समर्पित होता है। इसलिए प्रतिदिन एक लोटा जल भगवान शिव को अवश्य चढ़ाना चाहिए। यह एक लोटा जल आपकी सभी समस्याओं का हल है। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने बुधवार को डोमरी के गंगा तट पर बताया कि कोई भी भक्त किसी भी स्थान पर श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का जप करता है, उससे कभी अनिष्ट नहीं होगा। भोजन भंडारे का संकल्प लेकर आप सेवा कर सकते हैं। सभी सनातन धर्म को मानने वाले सेवकों के गले में रुद्राक्ष होना चाहिए और सभी के घर के मंदिर में रुद्राक्ष होना चाहिए।

काशी के महत्व को विस्तार से बताया गया। श्री काशी विश्वनाथ धाम और मां गंगा के सम्मुख बने व्यासपीठ से श्रद्धालु भक्तों को कथा को भगवान काशी विश्वनाथ और मां गंगा को कथा सुनाने की बात कही। सात दिवसीय शिवमहापुराण कथा के पहले दिन उन्होंने भक्तों और श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम शिवलिंग पर एक लोटा जल चढ़ाते हैं, तो यह हमारे शिव जी के पूरे परिवार की पूजा होती है। उन्होंने कथा में आए हुए श्रद्धालुओं से काशी की विशेषता को बताते हुए उसकी पवित्रता को ना भंग करने की बात कही।

साथ ही साथ मां गंगा के तट पर बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं को साफ सफाई के बारे में बताया कि किस प्रकार मां गंगा की गोद को साफ और स्वच्छ रखकर हम लोग प्रभु भोलेनाथ को प्रसन्न रख सकते हैं। शिव महापुराण कथा का बुधवार को भव्य शुभारंभ हुआ, जिसमें दो लाख से अधिक भक्तों ने इसे बड़े ही शांति और श्रद्धा भाव से सुना। प्रदीप मिश्रा दोपहर 1 बजे आयोजन स्थल पर पहुंचे। उनके पहुंचते ही भक्तों ने श्री शिवाय नमस्तुभ्यं मंत्रोच्चारण के साथ हर हर महादेव के नारों के साथ स्वागत किया। श्री शिवाय नमस्तुभ्यं का मंत्र मंच पर पहुंचते ही पंडितजी ने सभी का अभिवादन किया।

उन्होंने कहा कि महादेव अपने भक्तों पर सदा कृपा बरसाते हैं। हम धरती पर लोगों से प्रेम और स्नेह करते हैं, तो हमें भी ईश्वर से प्रेम करना होगा। शिवजी एक लोटा जल से हमारे कल को बदल देंगे। यह निश्चित है, भले ही इसमें थोड़ा समय लग सकता है। लोटे में जल भरकर हमेशा मुस्कुराते हुए मंदिर जाएं, चाहे कितनी भी परेशानी क्यों न हो, आपके चेहरे पर भगवान हमेशा के लिए मुस्कान दे देंगे। अपना संबंध शिव से जोड़ें। यह न समझें कि भगवान मेरी नहीं सुनते। वे सबकी सुनते हैं।

इस आयोजन के माध्यम से संत सतुआ बाबा और श्री विट्ठलेश सेवा समिति ने काशीवासियों को और पंडाल में आए हुए लोगों को भगवान शिव के बारे में, उनकी महिमा के बारे में और शिव महापुराण के बारे में प्रदीप मिश्रा जी द्वारा बताने का प्रयास किया। इस बीच मंच पर महामंडलेश्वर संतोषदास सतुआ बाबा के साथ आयोजन समिति के संजय केशरी, संदीप केशरी, नीरज केशरी सहित कथा में आए हुए जजमान और लाखों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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