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Sonbhadra News: पद्मश्री आर्य रत्न डॉक्टर पूनम सूरी का योगदान डीएवी संस्थानों के लिए एक मील का पत्थर है- एम.सी. शर्मा

Story By: उमेश कुमार सिंह, अनपरा।

सोनभद्र।

पद्मश्री आर्य रत्न डॉक्टर पूनम सूरी का योगदान डीएवी संस्थानों के लिए एक मील का पत्थर है। उनकी नीतियों और प्रयासों ने डीएवी को एक मजबूत और सम्मानित शिक्षा संस्थान के रूप में स्थापित किया। उनका नाम न केवल शिक्षा के क्षेत्र में बल्कि सामाजिक सुधार के प्रयासों में भी प्रेरणा का स्रोत है। उक्त बातें डीएवी प्रबन्ध समिति दिल्ली से आये डॉक्टर एमसी शर्मा ने डीएवी ककरी सोनभद्र में हुई पत्रकार वार्ता के दौरान बताया। उन्होंने बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल संगठन के अध्यक्ष पद्मश्री आर्य रत्न डॉक्टर पूनम सूरी ने डीएवी संस्थानों को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे प्रतिष्ठित शिक्षाविद और समाजसेवी हैं। उनका शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान रहा है। उनके नेतृत्व में डीएवी संगठन ने आधुनिक शिक्षा, मूल्यों और परंपराओं के समन्वय को बढ़ावा दिया है। डॉक्टर पूनम सूरी को उनके कार्यों के लिए कई राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुए हैं, जिनमें पद्मश्री, आर्य रत्न प्रतिष्ठित सम्मान शामिल हैं। उनकी प्रेरणा और मार्गदर्शन से डीएवी नेटवर्क आज देशभर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का पर्याय बन चुका है। उन्होंने बताया कि डीएवी संस्थानों में प्रबंधन और संचालन की प्रक्रियाओं को सुचारू और संगठित किया है, जिसका नतीजा यह है कि डीएवी संस्थान भारत के सबसे बड़े शैक्षिक नेटवर्क में से एक है। डीएवी स्कूल वर्तमान में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित हो रहे हैं। आज देखा जाय तो शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश राजस्थान, बिहार एवं सिक्किम, मणिपुर सहित चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के 950 से अधिक विद्यालयों, महाविद्यालयों और अन्य शैक्षिक संस्थानों के माध्यम से 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान कर रहा है। इसकी उपस्थिति शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में है, जिससे यह हर वर्ग के बच्चों तक पहुँच बनाता है। उन्होंने कहा कि हमारा शिक्षण संस्थान छात्रों के सर्वांगीण विकास के प्रति समर्पित है। विद्यालय के प्रधानाचार्यो एवं शिक्षकों के प्रयास से खेलकूद, सांस्कृतिक गतिविधियां और नैतिक शिक्षा को बढ़ावा मिला है। हमारा संस्थान आधुनिक विज्ञान और तकनीकी शिक्षा के साथ साथ वैदिक ज्ञान और संस्कारों के साथ जोड़ता है। उन्होंने कहा कि डीएवी संस्थान शिक्षा के क्षेत्र में भारत में एक मजबूत स्तंभ के रूप में स्थापित है। यह न केवल शिक्षा के प्रसार में अग्रणी है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत को बनाए रखने और युवाओं में नैतिकता का विकास करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। डीएवी केवल शिक्षा तक सीमित नहीं है। यह समाज सेवा और सामाजिक जागरूकता अभियानों में भी सक्रिय भूमिका निभाता है। डॉक्टर एम सी शर्मा ने बताया कि डीएवी पब्लिक स्कूल के निदेशक डॉ. वी. सिंह शिक्षा जगत में एक आदर्श और प्रेरणा का प्रतीक हैं। उन्होंने छात्रों में नैतिक मूल्यों, अनुशासन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रयास किए हैं।उनकी सोच आधुनिक और तकनीकी दृष्टिकोण वाली है। वे डिजिटल शिक्षा, स्मार्ट क्लासरूम और तकनीकी नवाचारों के पक्षधर हैं। पत्रकार वार्ता में सहायक क्षेत्रीय अधिकारी डीएवी यूपी जोन डी के डॉक्टर अंकुर भाटिया, प्रधानाचार्य डीएवी पब्लिक स्कूल अनपरा के डॉक्टर आशुतोष मिश्रा, डीएवी पब्लिक स्कूल परासी ककरी की प्रधानाचार्या रचना दुबे एवं डीएवी पब्लिक स्कूल खड़िया की प्रधानाचार्या संध्या पांडेय मौजूद रही।

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