Sonbhadra News: सोनभद्र खनन हादसे में बड़ी अपडेट: खदान दुर्घटना में दबकर हुई मजदूरों की मौत के मामले में 4 गिरफ़्तार.
बिल्ली मारकुण्डी में हुए खनन हादसे के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना बीते 15 नवंबर को बिल्ली मारकुण्डी स्थित कृष्णा माइनिंग स्टोन वर्क्स में हुई थी, जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो माइनिंग मैनेजर और दो माइंस मेठ शामिल हैं।
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5:07 PM, Nov 21, 2025
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DGMS को वास्तविक रिपोर्ट नहीं देने की वजह से बने दोषी।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
बिल्ली मारकुण्डी में हुए खनन हादसे के मामले में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह घटना बीते 15 नवंबर को बिल्ली मारकुण्डी स्थित कृष्णा माइनिंग स्टोन वर्क्स में हुई थी, जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई थी। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में दो माइनिंग मैनेजर और दो माइंस मेठ शामिल हैं।
इन पर खदान दुर्घटना में मजदूरों की मौत का आरोप है। जांच में पाया गया कि इन्होंने DGMS (खान सुरक्षा महानिदेशालय) के नियमों के तहत खदान की वास्तविक रिपोर्ट नहीं दी थी।
एसआईटी (विशेष जांच दल) की जांच में यह भी सामने आया है कि मजदूरों द्वारा खतरनाक क्षेत्र में काम करने से मना करने के बावजूद, इन आरोपियों ने उनसे काम करवाया था। पुलिस के अनुसार, BNS 105 धारा के तहत मुख्य आरोपी अभी भी फरार हैं। चारों वांछित अभियुक्तों को वैज्ञानिक और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर गिरफ्तार किया गया है। बता दे कि पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा के निर्देश पर, अपर पुलिस अधीक्षक मुख्यालय अनिल कुमार और क्षेत्राधिकारी हर्ष पाण्डेय के पर्यवेक्षण में कार्रवाई की गई।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि विवेचनात्मक कार्रवाई जारी है और माइंस ठेकेदार तथा मालिक को भी जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कृष्णा माइनिंग वर्क्स खदान हादसे में सात मजदूरों की मौत के मामले में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार किए गए लोगों में दो माइनिंग मैनेजर और दो माइन मेठ शामिल हैं।
यह हादसा बीते 15 नवंबर को हुआ था, जब खदान में एक बड़ी चट्टान गिर गई थी। इस दुर्घटना में चट्टान के नीचे दबने से सभी सात मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए, पांच जनपदों में सीओ ओबरा के नेतृत्व में एक पांच सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया था। यह टीम लगातार मामले की विवेचना कर रही है।
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पुलिस अधीक्षक अभिषेक वर्मा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए अनिल कुमार, अजय कुमार, चंद्रशेखर और गौरव सिंह खदान में माइनिंग मैनेजर और मेठ के रूप में कार्यरत थे। ये सभी व्यक्ति डायरेक्टर जनरल ऑफ माइंड सेफ्टी (DGMS) द्वारा नियुक्त किए जाते हैं और खदान के रखरखाव तथा सुरक्षा रिपोर्टिंग के लिए जिम्मेदार होते हैं।
पूछताछ में सामने आया है कि इन चारों ने खदान में अनियमितताओं के संबंध में खान सुरक्षा निदेशक को सही जानकारी नहीं दी। इसके अलावा, ड्रिलिंग कार्य के दौरान मजदूरों को सुरक्षा संबंधी आवश्यक दिशा-निर्देश भी नहीं दिए गए।
एसपी ने बताया कि मजदूरों द्वारा खदान के नीचे काम करने से मना करने के बावजूद, उनसे जबरदस्ती काम कराया गया था। इस मामले में खदान के ठेकेदार और मालिक भी शामिल हैं, जिनकी गिरफ्तारी जल्द की जाएगी। विवेचनात्मक कार्रवाई अभी जारी है।
बता दे कि घटना की सूचना मिलते ही ओबरा पुलिस, फायर सर्विस और अन्य स्थानीय पुलिस बल तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और राहत-बचाव कार्य शुरू किया। खदान की संवेदनशील और खतरनाक स्थिति के बावजूद, पुलिस टीम ने साहस और अथक प्रयासों से बचाव अभियान चलाया। राहत कार्य को गति देने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की विशेष टीमें भी मौके पर पहुंचीं।
उन्होंने आधुनिक उपकरणों की सहायता से कई घंटों तक बचाव कार्य किया। पुलिस और बचाव टीमों के संयुक्त प्रयासों से दबे हुए 7 मजदूरों को बाहर निकाला गया और घटनास्थल को सुरक्षित किया गया। प्रेस नोट जारी कर पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि, थाना ओबरा और जनपद सोनभद्र पुलिस जनसुरक्षा, कानून-व्यवस्था और मानव जीवन की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। किसी भी लापरवाही, अवैध खनन या दुर्घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई जारी रहेगी।
