Sonbhadra News: कचनरवा लैम्पस में यूरिया नदारद, हलकान किसानों ने लगाया कालाबाज़ारी का आरोप.
मंगलवार को विकास खंड कोन के कचनरवा लैम्पस में यूरिया खाद लेने के लिए किसान परेशान है, काफ़ी मशक्क़त के बाद भी उर्वरक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। यूरिया खाद की कालाबाज़ारी का आरोप किसान लगा रहे है।
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11:05 PM, Sep 9, 2025
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यूरिया के इंतज़ार में बैठे मासूम किसानों की भीड़।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
मंगलवार को विकास खंड कोन के कचनरवा लैम्पस में यूरिया खाद लेने के लिए सैकड़ों किसानों की प्रतिदिन भीड़ उमड़ रही है, लेकिन काफ़ी मशक्क़त के बाद भी उर्वरक उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिसकी वजह से स्थानीय बाजारों में रात के अंधेरे व सुबह होते ही 850 से लेकर 900 रुपए तक यूरिया गरीब अनपढ़ किसानों को दिया जा रहा है जो किसानों के साथ अन्याय है। जिसके क्रम में संबंधित विभाग को अवगत भी करा दिया गया फिर भी उनके कान तक आवाज सुनाई नहीं दे रही है। जहां प्रदेश सरकार/केन्द्र सरकार द्वारा किसानों की आय वृद्धि के लिए तरह-तरह योजनाएं चलाई जा रही, वहीं संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को गुमराह करने का सिलसिला जारी है। गौरतलब है कि विगत कई दिनों से किसान खाद की आवश्यकता को लेकर चक्कर लगा रहे हैं, पर निराशा ही हाथ लग रही है। किसानों का आरोप है कि शिकायत के लिए संबंधित सचिव को कॉल किया भी जाता है तो कॉल रीसिव करने की जहमत तक नहीं उठाते, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
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बतातें चलें कि कुछ दिनों पूर्व किसानों ने कोन-विंढमगंज मार्ग जाम कर हक की आवाज़ बुलंद की थी, जिसकी सूचना मिलते ही स्थानीय प्रशासन द्वारा तत्काल खाद उपलब्ध कराने का अश्वासन देते हुए जाम खोलवाया था, हालांकि अश्वासन आश्वासन ही साबित हुई। आश्वासन पर टकटकी लगाए किसानों का कहना कि यूरिया के अभाव में फसल चौपट होती नजर आ रही है और विभाग अपने आप में मस्त है। आखिर संबंधित अधिकारियों द्वारा किसानों को क्यों गुमराह किया जा रहा है, जो किसानों के समझ से परे है। किसानों ने संबंधित विभाग के ऊपर मनमानी का आरोप लगाया है। वहीं जिले के संबंधित अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जो किसानों के लिए बहुत ही पीड़ादायक है। खाद की समस्या पर किसान नेता जोखन प्रसाद यादव ने प्रदेश सरकार के ऊपर करारा हमला बोलते हुए कहा कि यह प्रदेश सरकार की बहुत बड़ी नाकामी और जिले की अधिकारियों की मनमानी से स्थिति खाद की समस्या उत्पन्न हुई है। खबर लिखे जाने तक उर्वरक की खेप संबंधित केन्द्र पर नहीं पहुंची। इस बावत समिति के सचिव के द्वारा उर्वरक पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नहीं होने व जिले पर मीटिंग का हवाला दिया गया। जिसके क्रम में किसान बिहारी प्रसाद, दीनानाथ, उमेश, छोटेलाल, बसंत, गोविंद, प्रदीप ने जिलाधिकारी समेत संबंधित विभाग का ध्यान आकृष्ट कराते हुए पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध कराने की मांग किया है।