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Chandauli News: तेल चोरी के ठिकानों पर पुलिस की छापेमारी, 500 लीटर चोरी का डीजल बरामद, तेल माफियाओं में हड़कंप.

Story By: संदीप कुमार, बड़े बाबू, डीडीयू नगर।

चंदौली। अलीनगर थाना अंतर्गत बिछड़ी और इंदिरा आवास क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित हो रहे तेल चोरी के अड्डों पर पुलिस ने छापेमारी कर लगभग 300 लीटर चोरी का तेल बरामद किया। पुलिस की इस कार्रवाई से तेल चोरी के खेल में लिप्त व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं कुछ लोग थाना क्षेत्र से कहीं दूर छिपे हुए हैं। आलम यह है कि उस क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति कुछ बताने को भी तैयार नहीं है।

मिली जानकारी के अनुसार बहुत पहले से ही पुलिस को अवैध तेल कटिंग को लेकर सूचना मिल रही थी। जिस पर मुखबीर की सूचना पर डीडीयू क्षेत्राधिकारी राजीव सिसोदिया व अलीनगर थाना प्रभारी विनोद मिश्रा ने अपनी टीम के साथ अलीनगर के बिछड़ी और इंदिरा आवास क्षेत्र के एक पुराने संदिग्ध गोदाम पर छापेमारी की, दोनों जगहों से 500 लीटर अवैध तेल और उपकरण बरामद किए गए। पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर पूर्ति विभाग को सुपुर्द कर दिया।

बताते चलें कि तेल और कोल के लिए विख्यात मुगलसराय में अवैध धंधा खूब फलफूल रहा है। अलीनगर में मौजूद एशिया के सबसे बड़े ऑयल डिपो से तेल की चोरी का खेल बदस्तूर जारी है। रोजाना लाखों रुपये के तेल की कालाबाजारी हो रही है। इसमें शामिल कितने आज करोड़पति बन बैठे हैं। ऐसा नहीं है कि यह गोरखधंधा किसी को मालूम नहीं है। हिस्सा तय होने से इसे कोई उजागर नहीं करता है।

चाहे पुलिस विभाग हो या खुद ऑयल कंपनी के छोटे-बड़े ऑफिसर्स, तेल माफियाओं के साथ इनके सिंडिकेट को तोड़ पाना आसान नहीं है। ऑयल डिपो से यूपी सहित दूसरे राज्यों के लिए तेल की सप्लाई होती है। लगभग पांच से छह सौ टैंकर डेली तेल लेकर डिपो से निकलते हैं। इसके साथ ही तेल माफिया एक्टिव हो जाते हैं। उनके गुर्गे किसी सुनसान स्थान पर टैंकर को रोककर उसमें मौजूद तेल की चोरी करते हैं, मिलावटी तेल टैंकर में डालकर उसे गंतव्य के लिए रवाना कर दिया जाता है।

टैंकर ड्राइवर तय पेट्रोल पंप तक पहुंचते-पहुंचते हजारों बार ब्रेक का उपयोग करता है ताकि तेल में झाग बने और जब डीप राड से तेल की नपाई हो तो पूरा बताए। डीजल-पेट्रोल में मिलावट का खेल करके लाखों रुपये एक दिन में कमाई हो रही है। अलीनगर एरिया में ऐसे लगभग दो दर्जन से अधिक तेल माफिया हैं जो कई दशक से इस खेल में शामिल हैं। इस खेल को रोकने के लिए ऑयल डिपो के कुछ अधिकारी काफी एक्टिव भी हुए थे.

लेकिन तेल माफियाओं की दबंगई और राजनीति में अच्छी पकड़ के चलते कुछ नहीं हो सका। माफियाओं की ओर से पुलिस को एक बड़ी रकम हर माह दी जाती है। मुगलसराय के अलीनगर में इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम और भारत पेट्रोलियम का ऑयल डिपो है। यहां पिछले तीन-चार दशक से तेल का खेल चल रहा है। कुछ वर्ष पहले नई दिल्ली और लखनऊ सीबीआई की टीम ने तीन तेल माफियाओं के ठिकानों पर छापेमारी करके मिलावटी डीजल से भरा टैंकर पकड़ा था।

बावजूद तेल का धंधा आज भी वैसे ही जारी है। ऑयल डिपो से निकलने वाले हर टैंकर से तेल की चोरी होती है। अलीनगर से रामनगर-टेंगरा मोड़ तक दो दर्जन से अधिक तेल के अवैध गोदाम बने हुए हैं। ऑयल कंपनियों ने तेल की चोरी रोकने के लिए टैंकरों को जीपीएस से लैस कर दिया। यह भी कारगर नहीं हो पाया। ऑयल बॉक्स को सील किया जाता है। लेकिन तेल माफियाओं ने इसका भी काट खोल निकाला।

सील लगा ताला खोलने के लिए तीसरी चाबी का इजाद कर लिया है। चाबी बनवाने के लिए एक लाख रुपये तक का खर्च आता है। ऑनलाइन मिली जानकारी के अनुसार टैंकर में असली की जगह मिलावटी तेल डालने का काम भी कम रहस्यमयी नहीं है। केरोसिन से डीजल और सॉल्वेंट से मिलावटी पेट्रोल बनाया जाता है। इन्हें तैयार करने में गुड़पानी का अहम रोल होता है।

केरोसिन से डीजल बनाते समय गुड़ पानी मिलाने के साथ सिंदूर और कपूर मिलाते हैं। जबकि सॉल्वेंट से पेट्रोल बनाने में गुड़पानी और खास केमिकल का उपयोग करते हैं। तेल का गोरखधंधा करने वालों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है। पिछले कुछ सालों में छापेमारी करके अवैध धंधा को लगभग बंद कर दिया गया है।

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