Sonbhadra News: बैंक को जिन्दा होने का प्रमाण देते देते बैंक में ही हो गयी किसान की मौत, KYC के लिए बैंक गया था किसान.

Story By: राजन जायसवाल, कोन।
सोनभद्र।
कोन थाना क्षेत्र में स्थित इंडियन बैंक कचनरवा शाखा का एक ऐसा कारनामा सामने आया है जिससे इंसानियत भी शर्मसार हो गई। बैंक कर्मचारियों के मन न पसीजने की वजह से एक किसान की बैंक का चक्कर काट काटकर सदमे में होने की वजह से मृत्यु होने का आरोप लगा है। आरोप है कि केवाईसी कराने के लिए कई दिनों से चक्कर काटते रहे किसान की शुक्रवार की शाम मौत हो गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार 59 वर्षीय रममन पुत्र सुखदेव निवासी कचनरवा इंडियन बैंक में जमा रुपये निकालने को लेकर परेशान थे बैंक मैनेजर ने कहा था जब तक केवाईसी नहीं होता तब तक खाते से लेन-देन नहीं होगा चार दिनों से बैंक आकर लाइन में लगे रहते पर बैंककर्मी कभी सर्वर परेशानी या कुछ कह देते और रममन फिर घर वापस आ जाते ऐसे ही तीन दिन बित गया पर इनका केवाईसी नहीं किया गया।

शुक्रवार को बैंक परिसर में ही तबीयत खराब हो गई बैंक में उनके साथ उनके बेटा ने उन्हें पकड़ रखा और बैंकर्मचारी ने कहा तुरंत यहां से ले कर जाओ नहीं तो हमलोगों को हाफत में डालोगे। बैंककर्मीयो ने कोई मानवता नहीं दिखाई और बेटे द्वारा गोद में उठाकर नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पिता ले जाया गया। जहां डाक्टर ने देखते ही मृत घोषित कर दिया।

पुत्र ने बताया कि बैंक में केवाईसी के लिए वह पिछले काफी दिनों से चक्कर काट रहे थे, लेकिन बैंक कर्मी उनका काम नहीं कर रहे थे, शुक्रवार को भी पिताजी बैंक में सुबह से ही थे लेकिन केवाईसी नहीं किया और मैनेजर ने कहा जाओ अभी भीड़ है। अभद्रता व्यवहार से क्षुब्द पिताजी को सदमा लगा और उनकी तबीयत खराब हो गई। जिससे बाद में उनकी मृत्यु हो गई।

वहीं सैल फोन से ब्रांच मैनेजर से बात करने की कोशिश की गई लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। कई उपभोक्ताओं ने आरोप लगाया है कि आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र होने के नाते बहुत भेदभाव होता है कचनरवा, कोन, विंढमगंज बैंक की भी स्थिति यही है। अगर उनका केवाईसी कर दिया जाता तो आज वह जिंदा रहते। बता दे कि अभी मृतक परिवार के द्वारा जो आरोप लगाए जा रहे है उस मामले पर अभी तक पुलिस की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।