Sonbhadra News: संविधान निर्माता को किया गया याद, मनाई गई बाबा साहब की 135वीं जयंती.

Story By: विकास कुमार हलचल, ओबरा।
सोनभद्र।
संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर ओबरा में उन्हें याद कर नमन किया। ओबरा में आयोजित कार्यक्रम में sc-st कर्मचारी कल्याण समिति एवं भारतीय बौद्ध महासभा के पदाधिकारियों ने अंबेडकर जयंती की बधाई देते हुए कहा कि बाबा साहेब ने वंचितों का जीवन बदला और उनके अधिकार की लड़ाई लड़ी। वे सविंधान शिल्पकार थे, आज भारतीय सविंधान कई देशों में आदर्श बना हुआ है। बाबा साहब द्वारा लिखें सविंधान को पढ़ने कई देश के अध्यापक और छात्र आते है। उनके द्वारा 3 मेजिक शब्द आज भी समाज के लिए आदर्श बने हुए है। सविंधान निर्माता ने कहा था शिक्षा, संघर्ष और संगठित होने पर कोई भी तबका कभी भी समाज से वंचित नहीं रह सकता। खैरटिया और बिल्ली गांव सहित नगर की जनता हज़ारों की संख्या में मुख्य रूप से जुलूस में शामिल हुई।

एससी एसटी कर्मचारी कल्याण समिति अध्यक्ष सुनील कुमार ने अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में सबको बधाई दी। उन्होंने बताया जुलूस में करीब 2000- 3000 की संख्या में बाबा साहब के आदर्शों को मानने वाले लोग शामिल हुए। एक जुलूस बिल्ली गांव पोखरा से चोपन रोड होते हुए सुभाष तिराहे तो दूसरा खैरटिया का जुलुस
अंबेडकर स्टेडियम में शामिल हुआ वहां से दोनो जुलुस दादा ऊन चौराहे होते हुए सुभाष चौराहे से बुद्ध बिहार पर जाकर समाप्त हुआ। राजनीति से इतर लोग ही जुलूस में सम्मिलित हुए।

आज के समय में बाबा साहब के विचारधारा से चलने वाले लोग चाहे शेड्यूल कास्ट के हो या ओबीसी के लोग धीरे-धीरे बाबा साहब के आदर्शों को फॉलो कर रहे हैं। आज के परिवेश में ज्यादातर लोग बाबा साहब के नामों को भुनाने के लिए राजनीतिक कारण से आते हैं। बाबा साहब के शिक्षाओं को लेकर नहीं आते हैं। बाबा साहब को पूर्व की सरकारों ने गर्त में डाला यह सत्य है लेकिन भाजपा बाबा साहब को आगे लेकर आगे बढ़ रही है यह सत्य बात नहीं है।

बाबा साहब को आगे बढ़ाने के लिए दलित समाज ही रहा है। जबकि बाबा साहब को सामान्य तबका देखते ही गालियां देने का काम करते थे। रही बात मायावती की तो वो आज भी बाबा साहब के आदर्शों पर चल रही है लेकिन सिर्फ बाबा साहब के आदर्श एक ऐसी वाले रूम से बैठकर फॉलो करने से नहीं होता उसके लिए सड़कों पर आना होगा। बाबा साहब अलग चीज कोई भी पार्टी अलग चीज है मेरा यह कहना है चाहे वह दलित हो चाहे सर्वण हो आपस में लड़ाई झगड़ा करने की जरूरत नहीं है।

बाबा साहब कोई राजनीति चीज नहीं है बाबा साहब के आदर्श को मानने की बात है। स्वर्ण और दलित को आपस में दो गुट बनाकर लड़ने की जरूरत नहीं है। सबकी राय से बाबा साहब की मूर्ति स्थापित करना चाहिए। स्वर्ण समाज के लोग जो है बाबा साहब को दुश्मन की तरफ देखते हैं उनको यह नहीं करना चाहिए बाबा साहब ने उनके लिए भी संविधान लिखा आर्थिक जो फार्मूला दिया गया वह सामान्य वर्ग के लिए भी है। अगर संविधान नहीं होता तो शेर के हाथ में तलवार वाली कहावत होती।

जब जद में आएंगे तो सभी कटेंगे। बाबा साहब के नाम पर ज्यादा चिल्लाने की जरूरत नहीं है बाबा साहब ने आपको तीन मूल मंत्र दिए हैं शिक्षित बनो संगठित रहो संघर्ष करो शिक्षा अगर आपके पास रहेगी कठिन से कठिन मुश्किल को आसान करके रास्ता बना लेंगे संगठित रहेंगे तो किसी की हिम्मत नहीं पड़ेगी दबाव डालने का संघर्ष करते रहेंगे तो आर्थिक रूप से उन्नति कर लेंगे यह तीनों चीज आदमी के पास रहेंगे तो आप अछूत नहीं कहलायेंगे दलित नहीं कहलायेंगे ना ही कोई भेदभाव करेगा।

इस मौके पर एससी एसटी कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष सुनील कुमार, भारतीय बौद्ध महासभा के अध्यक्ष सुरेंद्र सागर, ओबरा नगर पंचायत अध्यक्ष चांदनी देवी पूर्व अध्यापक राजेंद्र प्रसाद, अध्यापक रवीश कुमार, खैरटिया अंबेडकर जयंती के अध्यक्ष दिनेश कुमार , बिल्ली गांव अंबेडकर जयंती किया था जितेंद्र कुमार, चंद्रकांत राव, अमरजीत कुमार, संत विजय चंद्र, बिल्ली मारकुंडी प्रधान प्रतिनिधि अमरेश यादव दीपक विश्वकर्मा, एससी एसटी कर्मचारी कल्याण समिति के कोषाध्यक्ष संतोष आजाद, जल पुरुष रमेश यादव संजय कनौजिया सभासद ओबरा वार्ड 4, अंकुश राव, विकास कुमार, राज बहादुर, रामसागर राही, अमरनाथ उजाला, गिरजा शंकर सभासद प्रतिनिधि , डब्लू रंगीला, राहुल राव सेक्टर अध्यक्ष बसपा, जितेंद्र भास्कर जय सिंह, धर्मेंद्र, अनिरुद्ध राम व अरुण प्रजापति शमील रहे।