Sonbhadra News: एक ऐसी अदालत जहां वर्षों से टूटे परिवार जुड़ते और एक होकर जाते हैं घर, नेशनल लोक अदालत में दर्जन भर जोड़ों का हुआ समझौता.

Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरों सोनभद्र।
सोनभद्र।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सोनभद्र के तत्वावधान में आज नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत का शुभारंभ सुबह 10.00 बजे जिला एवं सत्र न्यायाधीश रवींद्र विक्रम सिंह जिलाधिकारी बीएन सिंह एसपी अशोक कुमार मीणा ने किया। इस दौरान उन्होंने कहा लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण के पक्षकारों में आपसी कटुता और बुराई समाप्त हो जाती है। साथ ही दोनों पक्षों की जीत होती है। परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश राजेंद्र सिंह की सराहनीय पहल से एक दर्जन विवाहित जोड़ों के बीच समझौते कराकर घर भेजा गया।

इसमें किसी ने बच्चों के भविष्य के लिए अपने गिले-शिकवे भुलाए तो किसी ने मनमुटाव दूर कर एक साथ रहने का संकल्प लिया। सुलह करने वाले दंपतियों को न्यायाधीश ने पौधे भेंट कर जीवन को पौधे की तरह सहेजने का संदेश दिया। जहां प्रधान न्यायाधीश ने दोनों को समझा कर भविष्य को संवारने की बात कही। इस पर दोनों साथ रहने के लिए सहमत हुए। सुलह होने पर न्यायालय में ही दंपतियों ने एक-दूसरे को फूलमाला पहनाई। वहीं न्यायाधीश ने पौधा भेंट किया। पति-पत्नी बेटी के साथ खुशी-खुशी घर रवाना हुए। वर्षों से एक दूजे से मिलकर खुशी से आंख में आंसू भर गई और परिवार न्यायालय का का आभार व्यक्त किए।

जिला जज राजेंद्र प्रसाद सिंह ने इस दौरान बताया राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया जिसमें पूरे भारतवर्ष में लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है इस सिलसिले में जनपद सोनभद्र भी लोक अदालत का आयोजन किया गया है। विवाहित जोड़ो द्वारा किसी न किसी कारणवश मुकदमा न्यायालय में दर्ज कराया गया था। एक दूसरे खिलाफ मुकदमा लड़ रहे है। उन जोड़ों को समझा बूझाकर प्रयास किया गया है कि अपनी पुरानी बातों को भूल करके ईश्वर के द्वारा बनाए गए विधि- विधान से जोड़ो का संबंध होता है।

उसका पालन करें और एक साथ रहे। इस सिलसिले में समझाने पर 10 जोड़े साथ रहने के लिए तैयार हुए हैं। सभी जोड़ों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद और बधाई दिया गया। लोक अदालत की मंशा है कि और साफ संदेश है कि छोटी से जिंदगी को लड़ करके नहीं बल्कि एक साथ प्यार मोहब्बत के साथ रहकर बिताया जाए। जिससे की परिवार उनके बच्चे खुशहाल जिंदगी व्यतीत कर सके।