Sonbhadra News: ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर पर ओबरा परियोजना में ऊर्जा के महत्व और संरक्षण की आवश्यकता पर गहराई से किया गया विचार.
Story By: विकास हलचल, ओबरा।
सोनभद्र।
ओबरा में शनिवार को ऊर्जा संरक्षण दिवस के शुभ अवसर पर ओबरा परियोजना के ब’ ताप विद्युत गृह के सभा कक्ष में अधिकारी एवं कर्मचारी एकत्रित हुए। इस आयोजन की अध्यक्षता परियोजना के मुख्य महाप्रबन्धक इं. आर.के. अग्रवाल ने की। अपने उद्बोधन में आर.के अग्रवाल ने कहा कि यह दिन हमारे लिए केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि एक ऐसा अवसर है जो हमें ऊर्जा के महत्व और इसके संरक्षण की आवश्यकता पर गहराई से विचार करने का मौका देता है। इस वर्ष 2024 की ऊर्जा संरक्षण दिवस की थीम है। ‘‘सस्टेनेबल एनर्जी के लिए सामूहिक प्रयास’’ सामूहिक प्रयासों से स्थायी ऊर्जा की ओर। इस विषय का उद्देश्य हमें यह याद दिलाना है कि ऊर्जा के संरक्षण के लिए सभी का योगदान आवश्यक है। चाहे हम एक उद्योग चलाते हों, घर संभालते हों, या किसी सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करते हों, हमारे छोटे-छोटे प्रयास मिलकर बड़े बदलाव ला सकते हैं।
थर्मल पावर प्लांट के रूप में हमारी भूमिका और जिम्मेदारी और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। हम ऊर्जा उत्पादन में एक अहम स्थान रखते हैं और हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि ऊर्जा के संसाधनों का कुशल और जिम्मेदार तरीके से उपयोग हो। हमारे पास ऊर्जा उत्पादन के लिए प्राकृतिक संसाधन कोयला, तेल और गैस सीमित मात्रा में हैं। इनका अत्यधिक दोहन न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए संकट भी उत्पन्न कर सकता है। ऊर्जा उत्पादन के दौरान ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन होता है, जो ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन का मुख्य कारण है। ऊर्जा की बर्बादी रोककर हम उत्पादन लागत को कम कर सकते हैं और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकते हैं।
ओबरा तापीय परियोजना की टीम ने ऊर्जा दक्षता को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। उन्नत तकनीकों का उपयोग, सौर और पवन ऊर्जा जैसे वैकल्पिक स्रोतों पर अधिक ध्यान। मुख्य महाप्रबंधक ने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण यूपीनेडा द्वारा ओबरा तापीय परियोजना को ऊर्जा संरक्षण के लिए प्रशस्ति पत्र भी प्रदान किया गया है। आर.के. अग्रवाल ने सभी सहकर्मियों से अपील की कि वे अपने कार्यक्षेत्र और व्यक्तिगत जीवन में ऊर्जा बचाने के उपाय अपनाएं। अनावश्यक उपकरणों को बंद करना, बिजली के कुशल उपकरणों का उपयोग, वेस्ट हीट रिकवरी और रिसाइक्लिंग प्रक्रियाओं को प्रोत्साहित करने से ऊर्जा बचती है। हम सब मिलकर अगर छोटे-छोटे प्रयास करें, तो न केवल इस प्लांट को अधिक प्रभावी बना सकते हैं, बल्कि देश को ऊर्जा आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में योगदान दे सकते हैं। इस अवसर पर समारोह में ओबरा परियोजना के मुख्य अभियन्ता प्रशासन इं. तुलसी दास, अधीक्षण अभियन्तागण इं. डी.के. सिंह, इं. के.एस. सचान, इं. अजय उपाध्याय, इं. नेमी चन्द एवं अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।