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Sonbhadra News: कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ प्रदर्शन, रेजिडेंट डॉक्टरों ने बंद की जिला अस्पताल की ओपीडी सेवा.

Story By: अनुज जायसवाल, रॉबर्ट्सगंज।

सोनभद्र।

कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ रेप के बाद हत्या की वारदात के खिलाफ सयुक्त जिला अस्पताल लोढ़ी में भी विरोध प्रदर्शन जारी है। डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल की वजह से ओपीडी और दूसरी स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो गई है। जिस वजह से मरीजों को काफी समस्या हो रही। मेडिकल कॉलेज के सभी रेजिडेंट डॉक्टर ओपीडी का गेट बंद कर धरने पर बैठ गए और आरोपियों के खिलाफ हाथ में तख्ती लिए सजा की मांग करते दिखे। साथ ही डॉक्टरों की सुरक्षा के पुख्ता के इंतजाम की मांग करते हुए रेजिडेंट डॉक्टरों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान जिला अस्पताल के कर्मचारी भी हड़ताल के समर्थन में हुए शामिल।

वही हड़ताल कर रहे डॉक्टर का कहना है कि ओन ड्यूटी महिला डॉक्टर के साथ हुई बर्बरता के खिलाफ हम सभी डॉक्टर एकजुट है और महिला डॉक्टर को जल्द से जल्द न्याय दिलाने और डॉक्टरों की पुख्ता सुरक्षा को लेकर हम सभी हड़ताल पर है। न्याय को लेकर डॉक्टरों द्वारा आवाज़ उठाने पर अस्पताल में तोड़फोड़ की गई इससे ज्यादा निंदनीय कुछ नहीं हो सकता। रेजिडेंट डॉक्टर कई कई घण्टों ड्यूटी देते है फिर भी उनकी सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं है। डॉक्टरों की सुरक्षा के रूल है भी तो वो अभी तक लागू नहीं हों पाई है।

डॉक्टरों ने मांग की कि ट्रेनी डॉक्टर और उसके परिजनों को न्याय मिले जितनी देर होगी उतना ही सबूतों को मिटाने की कोशिश हो गई। जहां भी डॉक्टर रात दिन ड्यूटी कर रहे है वहां पर उनकी सेफ्टी के लिए पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। हालांकि हम अपना डॉक्टर धर्म निभाएंगे इमरजेंसी सेवा में जिस मरीज़ को तत्काल ट्रीटमेंट की ज़रूरत होगी हम देंगे हम उनकी सहायता के लिए हमेशा तैयार है। लेकिन जब हम सुरक्षित नहीं है तो हम काम नहीं कर सकते। सरकार हमे सुरक्षित माहौल दे तब हम काम करेंगे।

जब तक हमे न्याय नहीं मिल जाता और सुरक्षा को लेकर कानून नहीं आ जाता तब तक हमारी न्याय की लड़ाई जारी रहेगी। रेजिडेंट डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने की बाबत सीएमएस बी सागर ने कहा हड़ताल का आंशिक असर ओपीडी पर पड़ रहा है लेकिन इमरजेंसी सेवा पूरी तरह से जारी है। जो भी अस्पताल में मरीज भर्ती है उनका इलाज़ चल रहा है डॉक्टर भी उन मरीजों को देख रहे है।

हालांकि अस्पताल में आये मरीज़ का कहना है कि 3 दिन रिपोर्ट का इंतजार करना पड़ा जब रिपोर्ट मिल गई तो हड़ताल की वजह से इलाज़ नहीं हो पा रहा। इमरजेंसी में इलाज़ होने की बात कही जा रही है लेकिन इमरजेंसी पर जाने पर वहां से भगा दिया जा रहा है।

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