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Chandauli News: परिषदीय विद्यालय में खुले टंकी का पानी पी रहे हैं छात्र, शौचालय में नहीं है दरवाजा, काया कल्प ग्रांट की लूट से बदहाल विद्यालय.

Story By: धर्मेंद्र जायसवाल, ब्यूरो चंदौली।

चंदौली। एक तरफ यूपी की योगी सरकार कान्वेंट की तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों में एक से बढ़कर एक योजना चलाकर ग्रामीण इलाके के गरीब बच्चों को शिक्षित करने की बात कर रही है। वहीं पिछड़े इलाकों में परिषदीय स्कूलों के शिक्षक पलीता लगाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।

जुलाई माह में स्कूल खुलने से पहले सरकार द्वारा सभी परिषदीय स्कूलों में कायाकल्प के नाम से सरकारी फंड इसलिए दिया जाता है कि प्राइवेट स्कूलों की तरह परिषदीय विद्यालय साफ-सुथरा रहे, स्वच्छ वातावरण में गरीब परिवार के बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें। लेकिन जिला मुख्यालय से दूर सुदूर इलाकों के विद्यालयों में कुछ और ही कहानी सामने आ रही है।

जी हम बात कर रहे हैं चकिया विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय चुप्पेपुर की। जहां विद्यालय में चार शिक्षक तैनात हैं, जबकि विद्यालय में 74 बच्चे नामांकित हैं। वहां की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है, एक रूम में दो-दो कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। दो कक्षाओं के बच्चों को एक ही कमरे में बैठाकर शिक्षा दी जा रही थी।

बिना ढक्कन के टंकी के पानी से टूटी हुई टोटी से पानी पीने का जोखिम बच्चे उठा रहे हैं। शौचालय तो बना है लेकिन दरवाजा नहीं है। ऐसे बदहाल स्थिति में शिक्षा ग्रहण करने को मजबूर हैं गरीब परिवार के बच्चे। ऐसे में कैसे “सब पढ़ें, सब बढ़ें” का सपना आखिर कैसे साकार होगा।

इस मामले में चकिया के खंड शिक्षा अधिकारी रामटहल ने प्राथमिक विद्यालय चुप्पेपुर के प्रधानाध्यापक को अल्टीमेटम देते हुए कहा कि शौचालय का दरवाजा और टोटी टंकी का ढक्कन सही करके फोटो जल्द से जल्द भेजें।

खंड शिक्षा अधिकारी ने कहा कि अगर ऐसा नहीं होता है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब देखना होगा कि खबर चलने के बाद देखना होगा कि विद्यालय में बदहाल व्यवस्था में कोई सुधार होता है या एबीएसए का आदेश केवल हवा-हवाई हवाई साबित होगा।

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