Chandauli News: बच्चों को नहीं मिल रहा मीनू के अनुसार पोषण युक्त भोजन, जिम्मेदार सरकार की मंशा पर फेर रहे पानी.
Story By: अम्बुज मोदनवाल, शिकारगंज।
चंदौली। जहां एक तरफ सरकार की मंशा है कि स्कूल जाने वाले बच्चों को को मीड डे मील के तहत पौष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त भोजन परोसा जाए। लेकिन दूसरी तरफ जिम्मेदार अधिकारियों उदासीनता के चलते शासन कि यह अति महत्वाकांक्षी योजना खानापूर्ति मात्र बनकर रह गई है। बुधवार को कंपोजिट विद्यालय प्रभु नारायणपुर तथा प्राथमिक विद्यालय कुंडा हेमैया में कुछ ऐसी ही स्थिति देखने को मिली। प्राथमिक व कम्पोजिट विद्यालय पर मीनू के अनुसार बुधवार को तहरी व दूध का वितरण करना है। लेकिन यहां बच्चों मध्यान भोजन में दूध गायब था। जबकि मीनू के अनुसार प्राथमिक विद्यालय के प्रत्येक बच्चे को 150 ग्राम पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रत्येक बच्चे को 200 ग्राम दूध का वितरण करना है। लेकिन कंपोजिट विद्यालय प्रभु नारायणपुर तथा प्राथमिक विद्यालय कुंडाहेमैया के एमडीएम की व्यवस्था में लापरवाही चरम पर है। यहां विद्यालय में अध्यनरत बच्चो को मध्यान भोजन निर्धारित मानक के अनुरूप नहीं परोसा गया। परिषद प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों के लिए संचालित मध्याह्न भोजन योजना में खानापूर्ति जारी है। आलम यह है कि कई विद्यालयों में बच्चों की थाली से फल व दूध गायब हो चुका है। बच्चों को योजना का सही लाभ नहीं मिल पा रहा है। उधर विभाग की ओर से भी ध्यान न दिए जाने से एमडीएम तैयार कराने के जिम्मेदारों की मनमानी थम नहीं पा रही है। परिषदीय प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत समस्त बच्चों को दोपहर में बना बनाया भोजन उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मिड-डे-मील योजना का संचालन किया जा रहा है। योजना के तहत सप्ताह के प्रत्येक दिन के लिए अलग-अलग मीनू तय किया गया है। प्रत्येक बुधवार को डेढ़ सौ तथा दो सौ मिली ग्राम की दर से दूध उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है। शुरुआती दौर में तो दूध व फल वितरण की सच्चाई परखने के लिए लगातार चल रहे अधिकारियों के निरीक्षण के चलते तो व्यवस्था ठीक चलती रही। लेकिन जैसे ही अफसरों की ओर से निगरानी कम हुई कई विद्यालयों ने फल व दूध से पूरी तरह किनारा कर लिया। इसी तरह भोजन बनाए जाने में भी खानापूर्ति की जा रही है।