Sonbhadra News: खेत मजदूर यूनियन कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, खनन में मशीनों का प्रयोग रोकने की मांग.
Story By: अनुज जायसवाल, ब्यूरो सोनभद्र।
सोनभद्र।
जिले के खनन विभाग पर सैकड़ों खेत मजदूर यूनियन के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन कर अपनी मांगों को खनन अधिकारी के सामने रखा। इस दौरान कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता भी विरोध प्रदर्शन में मौजूद रहे। खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव आर.के. शर्मा के नेतृत्व में खनिज विभाग कार्यालय का घेराव कर जमकर नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि जिले में मज़दूरों को दरकिनार कर व्यपाक पैमाने पर धड़ल्ले से खनन में मशीनों का प्रयोग हो रहा है।
जिसे मज़दूरों को पलायन के लिए रोकना बहुत अरूरी है। खनन कार्य में मशीनों का प्रयोग बंद हो जाएगा तो बड़े पैमाने पर मजदूरों को रोजगार मिल सकेगा। जिससे आसानी से उनकी जीविकोपार्जन चल सकेगी। लेकिन दुर्भाग्य से खनन विभाग की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर अवैध खनन के साथ मशीनों का उपयोग बदस्तूर जारी है। इस दौरान अपनी मांगों का ज्ञानपन खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह को सौंपा। वही खेत मजदूर यूनियन के जिला सचिव आर.के शर्मा ने बताया कि खनिज विभाग के कार्यालय पर सांकेतिक रूप से खनन मजदूरों के सवाल को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।
उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन का राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम है इसके समर्पण में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला इकाई सोनभद्र खनन मजदूरों के सवाल को लेकर के एक सांकेतिक रूप से प्रदर्शन किया। यूनियन खनन अधिकारी को अल्टीमेटम देती है कि खनन में मशीन बंद किया जाए और खनन में बेरोजगारी को दूर किया जाए। यहां का स्थानीय परंपरागत मजदूर रोजगार के लिए दो वक़्त की रोटी के लिए शहर के लिए पलायन कर रहा है।
यह सबसे बड़ी चिंता की बात है। संगठन मज़दूरों को लेकर गहराई से अध्ययन करके उत्तर प्रदेश खेत मजदूर यूनियन अपनी बात रखता है। खनन में मशीन का प्रयोग बंद किया जाए और लोगों को अधिक से अधिक रोजगार मिले। पूरे सोनभद्र में अवैध खनन जोरों पर है और सम्मानित अधिकारी चुपचाप बैठे हुए हैं। राजस्व की चोरी यह सबसे बड़ा सवाल है। लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा उसके बाद भी अवैध तरीके से खनन हो रहा है। प्राकृतिक संपदा का दोहन हो रहा है, पर्यावरण की क्षति हो रही है।
मजदूरों का दोहन लगातार किया जा रहा है। इन सभी सवाल को को लेकर प्रदर्शन किया गया। आर.के. शर्मा ने कहा हमारी मांग पूरी क्यों नहीं होगी 2007-08 में हमारी जायज मांगों को तत्कालीन जिलाधिकारी ने मानी थी और मशीनों को बंद किया गया था। उस समय कार्रवाई हुई तो आज क्यों नहीं होगी कार्रवाई। आज के अल्टीमेटम पर अगर कार्रवाई नहीं होती है तो सोनभद्र के हाईवे पर परंपरागत मजदूर सड़कों पर बैठने का काम करेगा।
नई खनन नीति के सवाल को लेकर सरकार वाहवाही लूट रही है। लेकिन सोनभद्र के मजदूरों को न्याय नहीं मिल रहा है। सस्ते मटेरियल महंगे दामों पर मिल रहा है। जिला सचिव ने कहा इस सरकार में कोई मजदूर नदी में बालू लेता है तो उस पर वन विभाग फर्जी तरीके से मुकदमे में फंसा कर शोषण करता हैं। इस सवाल को भी मजदूर यूनियन आगे भी उठाएगा, जब तक स्थिति पक्ष में न आ जाये।