Chandauli News: कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने अखिलेश यादव पर बोला हमला, कसा तंज.
"भारत का चुनाव आयोग दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक है। बार-बार आयोग पर हमला करना विपक्ष की आदत बन गई है। प्रतिपक्ष का फैशन बनता जा रहा है। अखिलेश यादव से कहना चाहूंगा कि वह जमीन पर उतरे जमीनी हकीकत जाने, बार-बार सरकार पर आरोप लगाना बंद करें"
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6:01 PM, Nov 22, 2025
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मीडिया के सवालों का जवाब देते कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर
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Story By: संदीप कुमार, बड़े बाबू, डीडीयू नगर.
चंदौली। डीडीयू नगर पहुंचे योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री अनिल राजभर ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला। यही नहीं अनिल राजभर ने तंज कसते हुए अखिलेश यादव को जमीन पर आकर राजनीती करने की नसीहत भी दे डाली। वही लेबर कोड को लेकर पीएम मोदी का कैबिनेट मंत्री ने धन्यवाद भी दिया।
अखिलेश यादव द्वारा लगाया गया यह आरोप कि “बीजेपी चुनाव आयोग के साथ मिलकर यूपी और बंगाल में 50 हजार वोट काटने की साजिश कर रही है”इस पर भी अनिल राजभर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा “समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव अगर सोशल मीडिया के दायरे में रहकर राजनीति करेंगे तो जमीनी हकीकत कैसे पता चलेगी? जमीन पर उतरकर देखें।”
चुनाव आयोग की प्रतिष्ठा का बचाव करते हुए उन्होंने कहा “भारत का चुनाव आयोग दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित संस्थाओं में से एक है। बार-बार आयोग पर हमला करना विपक्ष की आदत बन गई है। प्रतिपक्ष का फैशन बनता जा रहा है। अखिलेश यादव से कहना चाहूंगा कि वह जमीन पर उतरे जमीनी हकीकत जाने, बार-बार सरकार पर आरोप लगाना बंद करें।
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NCERT की किताबों से अकबर और टीपू सुल्तान के नाम के आगे से ‘द ग्रेट’ हटाने को लेकर कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी के बयान पर जवाब देते हुए अनिल राजभर ने कहा “भारत सोने की चिड़िया था। 800 साल तक इन लोगों ने भारत को लूटा, राज नहीं किया। अब भारतीयों को ही वोट देने का अधिकार सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग की भूमिका पर विपक्ष का पेट क्यों दर्द कर रहा है?”उन्होंने कहा कि विपक्ष “चोर की दाढ़ी में तिनका जैसा व्यवहार कर रहा है। आखिर प्रतिपक्ष इतना घबरा क्यों रहा है।
केंद्र सरकार द्वारा मजदूर सुरक्षा को लेकर लागू किए गए लेबर कोड पर कैबिनेट मंत्री ने कहा“यह भारत को आत्मनिर्भर बनाने में एक बड़ा और ऐतिहासिक कदम है। श्रमिक वर्ग को सशक्त करने के लिए लंबे समय से रिफॉर्म की मांग थी, जिसे अब पूरा किया गया है।” सीपीआई महासचिव विनायक विश्वम द्वारा इसे मजदूर विरोधी बताया गया, जिस पर उन्होंने कहा “ऐसे बयान देने वालों को कुछ पता नहीं है। किसी भी श्रमिक परिवार में जाइए, जश्न का माहौल मिलेगा।”
