Chandauli News: धूमधाम से मना जेएस पब्लिक स्कूल का वार्षिकोत्सव “उड़ान”, छात्रों की प्रस्तुति देख भाव विभोर हुए अभिभावक.
"मुख्य अतिथि डॉ. चन्दना हलधर ने हरिवंशराय बच्चन की पंक्तियाँ दोहराते हुए बच्चों को ऊंची उड़ान भरने का संदेश दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की"
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11:17 PM, Nov 17, 2025
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Story By: पूर्वांचल भास्कर डेस्क.
चंदौली। जेएस पब्लिक स्कूल कासिमपुर में सोमवार को विद्यालय का 12वां वार्षिकोत्सव “उड़ान” बड़े ही धूमधाम और हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। अनुशासन, शिक्षा और संस्कार के लिए पहचाना जाने वाला यह विद्यालय इस बार भी संस्कृति, ज्ञान और सृजन का संगम प्रस्तुत करता दिखा।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. चन्दना हलधर, प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं बीएचयू विज्ञान संस्थान की पूर्व निदेशिका रहीं। विदेशोंयूके, नीदरलैंड, फ्रांसमें रहते हुए भी मातृभूमि से गहरा लगाव रखने वाली डॉ. हलधर का स्वागत विद्यालय के एमडी व प्रधानाचार्य रजनीश सिंह ने बुके और अंगवस्त्र प्रदान कर किया।
मां शारदा के चित्र पर पुष्पांजलि और दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस दौरान संरक्षक डॉ. विद्भूषण सिंह, विद्यालय कमेटी सदस्य राणा प्रताप सिंह व संरक्षिका शशि बाला सिंह भी उपस्थित रहीं।
बच्चों की प्रस्तुतियों ने बांधा समां
शानदार श्री गणेश वंदना से कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद स्वागत गीत, “जागो कृष्ण कन्हैया”, “हल्ला बोल”, “मेरा वाला डांस”, “ओमकारा योग”, “कॉमेडी मेडली”, “पापा जल्दी आ जाना” जैसे विविध कार्यक्रमों ने दर्शकों की खूब तालियां बटोरीं।
माइम एक्ट की मार्मिक प्रस्तुति में बेटियों की सुरक्षा, सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता का संदेश दिया गया। वहीं राजस्थानी, उत्तर प्रदेश, मराठी और पंजाबी लोकनृत्यों ने विभिन्न प्रदेशों की संस्कृति से मंच को सराबोर कर दिया।
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महाभारत व रामायण की प्रस्तुति आकर्षण का केंद्र
बच्चों द्वारा महाभारत के द्रोपदी चीरहरण और भीम-वध प्रसंग का मंचन बेहद प्रभावशाली रहा। इसके बाद रामचरितमानस के सातों कांडों पर आधारित प्रस्तुति ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कजरी ने ग्रामीण संस्कृति की झलक दिखाई और अंत में पंजाबी डांस के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
मुख्य अतिथि का प्रेरक संबोधन
मुख्य अतिथि डॉ. चन्दना हलधर ने हरिवंशराय बच्चन की पंक्तियाँ दोहराते हुए बच्चों को ऊंची उड़ान भरने का संदेश दिया और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
विद्यालय प्रबंधन ने जताया आभार
कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य ने सभी अतिथियों, अभिभावकों व विद्यार्थियों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि“यह विद्यालय सिर्फ ईंट-बालू का भवन नहीं, बल्कि मां सरस्वती का पावन स्थल है जहां नन्हे-मुन्ने बच्चों को ज्ञान, संस्कार, आध्यात्मिकता और शारीरिक विकास के साथ भविष्य के अनुरूप तराशा जाता है।”
