Chandauli News: कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा, एक वर्ष पूर्व प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान पेट में छूटा था तौलिया.
"सदर कोतवाली क्षेत्र में स्थित एक निजी अस्पताल में महिला के डिलीवरी के दौरान लापरवाही के कारण पेट में तौलिया छूट गया, जिससे महिला की जान पर बन आई। महिला के पति ने सदर कोतवाली में कार्रवाई की मांग को लेकर तहरीर दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। थक हारकर पति-पत्नी कोर्ट गए। एक साल बाद कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली में आरोपी अस्पताल और महिला डॉक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है"
chandauli
8:43 PM, Aug 23, 2025
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कोतवाली सदर, चंदौली
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Story By: पूर्वांचल भास्कर डेस्क.
चंदौली। एक वर्ष पूर्व चंदौली स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल की लापरवाही से प्रसव कराने के दौरान पेट में छूटे तौलिये के कारण क्षेत्र की महिला रंजना को जान और माल दोनों से नुकसान उठाना पड़ा। चंदौली सदर कोतवाली में प्रार्थना पत्र देने के बाद भी कार्रवाई न होने पर भुक्तभोगी द्वारा कोर्ट का सहारा लिया गया। कोर्ट के आदेश पर सदर कोतवाली ने एफआईआर दर्ज की। अब न्याय की आस में परिजन लगे हुए हैं। बता दें हृदयपुर गांव के रहने वाले मनीष यादव की पत्नी रंजना देवी गर्भावस्था में थीं। एक वर्ष पूर्व 23 अक्टूबर को अचानक पेट में दर्द हुआ। वह उसी दिन चहनियां स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए, जहाँ बच्चा पैदा होने की संभावना और यहां कोई सुविधा न होने के कारण अन्यत्र ले जाने की सलाह दी गई। मनीष पत्नी को लेकर चंदौली स्थित एक हॉस्पिटल ले गए। जहां डा. अंजू यादव ने ऑपरेशन कर बच्चा पैदा कराया। आरोप है कि चार दिनों तक हॉस्पिटल में रखने के बाद उल्टी और पेट दर्द हुआ। महिला डॉक्टर ने ये सब डिलीवरी के बाद सामान्य प्रक्रिया बताया। पांचवे दिन बुखार होने पर रिपोर्ट देखकर सब सामान्य बताकर टाल दिया। 30 अक्टूबर को डिस्चार्ज कर दिया, लेकिन बुखार कम नहीं हुआ। इस पर उन्होंने दोबारा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर दिखाया तो डा. कविता के सलाह पर 20 नवम्बर 24 को अल्ट्रासाउंड कराया। डा. कविता यादव ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान ऑपरेशन का कोई पार्ट छूट गया है। जब इसका पता चला तो चंदौली स्थित डॉ. अंजू को दिखाया, तो वही राग अलाप अलापा कि 40-45 दिनों तक ये सब नार्मल है और फर्जी डॉक्टरों को मत दिखाया करिये। आप हमारे दूसरे हॉस्पिटल, गोधना स्थित हाइवे चौराहा पर जाइये, जहां सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। फिर भी वही स्थिति बनी रही। इनके पति, जो सकलडीहा सीएचसी पर कार्यरत हैं, फोन पर मुझे गाली-गलौज देते हुए फर्जी मुकदमे में फसाने की धमकी देने लगे। वहां से हटकर मैंने अपनी पत्नी को दूसरे हॉस्पिटल में भर्ती कराया। यह प्रक्रिया करते-करते हुए मेरा जान और माल दोनों नुकसान हुआ है। करीब 13-14 लाख रुपये लग गए। कहा कि एक प्राइवेट हॉस्पिटल में ऑपरेशन के दौरान पेट से तौलिया निकला। आंत भी सड़ चुका था, जिसे जान बचाने के लिए निकालना पड़ा। सदर कोतवाली में तहरीर देने के बाद सुनवाई न होने पर हमने कोर्ट में 26 मई 2025 को मुकदमा दर्ज किया। कोर्ट के निर्देश पर सदर कोतवाली में मुकदमा पंजीकृत हुआ। प्राइवेट हॉस्पिटल वाले लोगों के जान के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। अब न्याय की आस लगाए हैं।
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