Chandauli News: मछुआरा समाज की आजीविका संकट को लेकर सपा राष्ट्रीय सचिव ने किया आवाज बुलंद.
"मनोज सिंह डब्ल्यू गंगा के तट पर बसे मछुआरा समाज के लोगों से मिले, उनका दर्द बांटा और उनके आंसू पोछे। कहा कि आज मछुआरा समाज खून के आंसू रो रहे हैं और इसके लिए भाजपा सरकार और मत्स्य मंत्री संजय निषाद जिम्मेदार हैं। साथ ही सरकार को इन फैसलों को वापस लेने के लिए सरकार और उसके मत्स्य मंत्री को घेरने की चेतावनी दी"
chandauli
8:33 PM, Sep 1, 2025
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गंगा में नाव से तटवर्ती इलाके के मछुआरों को आंदोलन के बारे में बताते मनोज सिंह डब्ल्यू
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Story By: खुशहाल पठान.
चंदौली। मछुआरा समाज की आजीविका इस वक्त संकट में है। ऐसे में सैयदराजा के पूर्व विधायक और सपा के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू सोमवार को मछुआरा के संकट मोचक की भूमिका में नजर आ रहे हैं। मछुआरा समाज की आवाज को सरकार पर पुरजोर तरीके से पहुँचाने के लिए नरौली से महुजी तक नाव से यात्रा की। गांव-गांव गंगा के तट पर बसे मछुआरा समाज के लोगों से मिले, उनका दर्द बांटा और उनके आंसू पोछे। कहा कि आज मछुआरा समाज खून के आंसू रो रहे हैं और इसके लिए भाजपा सरकार और मत्स्य मंत्री संजय निषाद जिम्मेदार हैं। साथ ही सरकार को इन फैसलों को वापस लेने के लिए सरकार और उसके मत्स्य मंत्री को घेरने की चेतावनी दी। कहा कि सरकार गंगा में मछली मारने के टेंडर को निरस्त करे।

इस दौरान उन्होंने नरौली गंगा घाट से अपनी यात्रा को आगाज़ किया। इसके बाद बड़ौरा, अमादपुर, नगवां, सोनहुली, गुरैनी, कवलपुरा, प्रहलादपुर होते हुए महुजी पहुंचकर समाप्त हुई। सोनहुली के दोपहर भोजन के दौरान सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने भाजपा सरकार द्वारा जारी टेंडर से मछुआरा समाज की आजीविका, आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ने वाले प्रभाव पर चर्चा की। मछुवारों ने बताया कि गंगा में मछली पकड़ने का जो टेंडर सरकार की ओर से लाया जा रहा है, यदि वह लागू हुआ तो मछुआरा समाज पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा। गंगा में जाल डालने के नैसर्गिक अधिकार खत्म हो जाएंगे। जिस गंगा ने हमारी कई पीढ़ियाँ चली आ रही हैं, इस पर सरकार अपने टेंडर से अतिक्रमण का प्रयास कर रही है। यह हमारे अस्तित्व की लड़ाई है, जिसे अंतिम सांस तक लड़ा जाएगा। इसके बाद महुजी में सभा हुई।

इस दौरान पूर्व विधायक मनोज सिंह डब्लू ने टेंडर को तुगलकी फरमान बताया। कहा कि मछुआरा समाज की आजीविका पर किसी भी तरह का आघात बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मछुआरा समाज के पास न तो जमीन है और न ही मकान। इनकी खेती और आजीविका मां गंगा हैं। ऐसे में यदि टेंडर हो गया तो ठेकेदार जिसे चाहेगा, वही व्यक्ति गंगा में जाल डाल पाएगा और गंगा में नाव भी उसी को होगी जिसके पास ठेकेदार द्वारा जारी स्लिप होगी। ऐसा नहीं होने पर मार भी खानी होगी और जेल भी जाना होगा। यही वजह है कि आज मछुआरा समाज में आर्थिक अराजकता का माहौल कायम हो गया है। समाज के लोग डरे और सहमे हुए हैं। ऐसी परिस्थितियों से मछुआरा समाज को बाहर निकालने के लिए यह यात्रा निकाली गई है।
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मछुआरा समाज को सजग और जागरूक किया जा रहा है और हर गांव और मजरे से लोगों को जोड़ा जा रहा है, और टीम बनाकर मंत्री संजय निषाद से मिला जाएगा, ताकि उनसे यह सवाल किया जा सके कि वह अपने समाज के लोगों के साथ ऐसा क्यों कर रहे हैं। जिस समाज ने उन्हें अपनी आवाज उठाने के लिए नेता बनाया, वही आज मछुआरा समाज को कुचलने का प्रयास कर रहा है। अंत में मनोज सिंह डब्लू ने भाजपा के स्थानीय जनप्रतिनिधियों की इस मुद्दे पर चुप्पी को मछुआरा समाज के खिलाफ बताया।

कहा कि भाजपा के इन नेताओं की चुप्पी ने समाज को ऐसी स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन अब मछुआरा समाज इसका जवाब अपने वोट से देने का काम करेगा। इस अवसर पर महंगू राम, राम दुलारे कनौजिया, मूरत निषाद, उमा निषाद, गुड्डू निषाद, रामा निषाद, अनिल निषाद, अरविन्द निषाद, मंटू निषाद, रामेंद्र निषाद, संतोष उपाध्याय, दशमी राम, सुन्दर राम, छोटू सिंह, बलवंत सिंह, आनंद सिंह, अनिल मिश्रा, चिरकुट सिंह, भंटा सिंह, शंकर राम, मंजूर अंसारी उपस्थित रहे।