Chandauli News: सड़क पर छटपटाता रहा है दुर्घटना में घायल युवक, पुलिसकर्मी रूकवाते रहे वाहन, इलाज के आभाव में अस्पताल के गेट पर युवक की मौत.
"पुलिस कर्मियों की संवेदनहीनता देखकर लोग दंग रह गये। सरकारी वाहन होने के बाद भी घायल को अस्पताल भेजने के लिए सड़क पर खड़े होकर प्राइवेट वाहन रुकवाते रहे। वही अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने भी लापरवाही दिखाई और काफी देर बाद इलाज शुरू किया गया। तब तक घायल की सांस थम चुकी थी। इस बाबत एसपी आदित्य लांघे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले का जांच कराने के लिए आश्वासन दिया"
chandauli
12:24 AM, Nov 7, 2025
Share:


मृतक संजय यादव कि फ़ाइल फोटो
Daily ख़बरों के लिए फ़ॉलो करें
Story By: संदीप कुमार, बड़े बाबू, डीडीयू नगर.
चंदौली। मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के दुलहीपुर में गुरुवार की शाम सड़क दुर्घटना में घायल बीस वर्षीय युवक सड़क पर छटपटा रहा था। घायलावस्था में इलाज के लिए डीडीयू नगर स्थित पीपी सेंटर लाया गया। जहां तत्काल ईलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। पुलिस शव को कब्जे में लेकर आगे की कार्रवाई में जुट गई। वही इस मामले में पिआरवी पुलिसकर्मियों कि लापरवाही को लेकर एसपी ने जांच के आदेश दिए है।
जानकारी के अनुसार मुग़लसराय कोतवाली क्षेत्र के मारुति नगर निवासी संजय यादव का पुत्र करन बाइक से एंबीशन कॉलेज से घर लौट रहा था। इस बीच दुलहीपुर स्थित एफसीआई गोदाम के पास ऑटो कि टक्कर से दीवाइडर पर जा गिरा। सर में गंभीर चोट आने के कारण वह सड़क पर गिर कर छटपटाता रहा और लोग तमाशबीन बने रहे।
इसी बीच आशीष चौहान नामक युवक ने घटना कि सूचना 112 नंबर पर दी । सूचना पर 112 नंबर पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच गये। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संवेदनहीन पुलिसकर्मी घायल को अस्पताल न ले जाकर ऑटो रुकवाते रहे। लगभग आधे घंटे बाद युवक को टोटो से डीडीयू नगर स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय लाया गया।
विज्ञापन
आरोप है कि यहां भी घायल को गाड़ी से उतारकर अस्पताल के भीतर ले जाने के लिए कोई कर्मचारी नहीं था। घायल के साथ आए युवक आशीष ने स्ट्रेचर लाने को कहा तो अस्पतालकर्मियों ने उसे डांट कर भगा दिया। युवक ने अस्पताल के बाहर ड्यूटी कर रहे यातायात पुलिस को पूरी बात बताई। यातायात पुलिस के हस्तक्षेप के कारण घायल युवक को इमरजेंसी कक्ष में ले गए। जहां जांचोपरांत चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया।
युवक को अस्पताल पहुंचाने वाला आशीष चौहान
पुलिस कर्मियों की संवेदनहीनता देखकर लोग दंग रह गये। सरकारी वाहन होने के बाद भी घायल को अस्पताल भेजने के लिए सड़क पर खड़े होकर प्राइवेट वाहन रुकवाते रहे।
वही अस्पताल के चिकित्सकों और कर्मचारियों ने भी लापरवाही दिखाई और काफी देर बाद इलाज शुरू किया गया। तब तक घायल की सांस थम चुकी थी। इस बाबत एसपी आदित्य लांघे ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरे मामले का जांच कराने के लिए आश्वासन दिया।
