Chandauli News: आप भी मिलिए ऐसे शातिर चोर गिरोह से जिनका कारनामा जानकार आप भी हो जाए हैरान.
"मुग़लसराय कोतवाली पुलिस ने दो शातिर चोरों को गिरफ्तार कर एक ऐसे शातिर चोर गिरोह का खुलासा किया है, जो बड़ी सफाई से चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था और चुराए गए जेवर को भी ठिकाने लगा देता था। गैंग के दो सदस्य आपस में रिश्तेदार हैं, जबकि गैंग का सरगना चोरी करने का आदी है"
chandauli
5:23 PM, Aug 15, 2025
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मुग़लसराय कोतवाली में पकड़े गए दोनों चोर, मामले के बारे में जानकारी देते अपर पुलिस अधीक्षक.
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Story By: संतोष, ब्यूरो हेड, पूर्वांचल भास्कर.
चंदौली। मुगलसराय कोतवाली पुलिस ने एक शातिर चोर गिरोह का खुलासा किया है। इस गिरोह ने 20 जून की रात मुगलसराय कोतवाली क्षेत्र के मढ़िया गांव में एक बड़ी चोरी की घटना को अंजाम दिया था। आरोपियों के पास से 10 लाख रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवरात बरामद हुए हैं। पकड़े गए दोनों आरोपियों ने 40 से अधिक चोरी की घटनाओं को अंजाम दिया है। हैरानी की बात यह है कि इनमें से एक शातिर चोर उमेश यादव है, जो चोरी करने की बीमारी से ग्रसित है। महीने में अगर वह दो से तीन चोरी नहीं करता है, तो वह मानसिक रूप से बीमार हो जाता है। पुलिस ने मामले में चोरी के जेवरात खरीदने वाले सोनार को भी गिरफ्तार किया है।

रिंग रोड पूल के नीचे जेवरात का बंटवारा कर रहे थे शातिर चोर
मुग़लसराय पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर कोतवाली क्षेत्र के शिवाला इलाके में रिंग रोड ओवर ब्रिज के नीचे से दो शातिर लोगो को गिरफ्तार किया है। जिसमे एक शातिर चोर धर्मेंद्र यादव धानापुर के अमरा गांव और दूसरा ओमप्रकश सेठ वाराणसी के जैतपुरा इलाके का निवासी बताया गया है। दोनों आरोपी रिंग रोड ब्रिज के नीचे गहनों का बटवारा कर रहे थे। दोनों के पास से सोने-चांदी के 10 लाख कीमत के जेवरात बरामद किया गया है। दोनों रिंग रोड पल के नीचे गहनों का बटवारा कर रहे थे।

उमेश यादव को चोरी करने की है लत, नहीं करता चोरी तो हो जाता है बेचैन
मुगलसराय कोतवाली में चोरी की घटना का खुलासा करते हुए अपर पुलिस अधीक्षक अनंत चंद्रशेखर ने बताया कि पकडे गए शातिर चोर गिरोह चोर उमेश यादव को वाराणसी पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। गैंग के सभी सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर और गिरोहबंद अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। अपर पुलिस अधीक्षक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए बताया कि आरोपी उमेश यादव एक अजीब सी मानसिक बीमारी से ग्रसित है, जिसे चोरी करने का शौक या बीमारी कहा जा सकता है। क्योंकि वह महीने में दो से तीन बार जब तक चोरी नहीं करता, तब तक वह मानसिक रूप से बीमार हो जाता था और इस तनाव से निजात पाने के लिए वह चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था।
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गिरोह का सदस्य ओमप्रकाश सेठ चोरी के जेवरात को लगता था ठिकाने
अभियुक्त ओम प्रकाश सेठ ने बताया कि मैं दिनांक 20/21 जून 2025 को पड़ाव पर जो चोरी हुई थी, उसमें मैं उमेश यादव और धर्मेंद्र यादव के साथ गया था। मेरे पास जो गहना है, वह पड़ाव में हुई चोरी से ही संबंधित है। अभियुक्त धर्मेंद्र यादव ने स्वीकार किया कि उसने और उमेश ने मिलकर 2023 से अब तक करीब 10 से अधिक चोरियां की हैं और उमेश ने अकेले भी लगभग 30 से अधिक चोरियां की हैं। व पड़ाव क्षेत्र में जो चोरी हुई थी, उसमें ओम प्रकाश सेठ भी हमारे साथ था। चोरी के पैसे से ही उमेश ने एक काले रंग की थार गाड़ी खरीदी है। मडिया वाली चोरी में ओम प्रकाश सेठ भी हमारे साथ मौजूद था।

तनिष्क आभूषण केंद्र का मालिक गौरव सेठ खरीदता था छोटी के जेवरात
धर्मेंद्र ने बताया कि चुराए हुए माल को वह और उमेश मिलकर ओम प्रकाश सेठ उपरोक्त को बेच देते हैं। चुराए गए कुछ गहने गौरव सेठ, पुत्र दिनेश्वर सेठ, निवासी ग्राम नागेपुर, थाना सकलडीहा, जनपद चंदौली, जिसकी दुकान सकलडीहा बाजार में तनिष्क आभूषण केंद्र के नाम से चलती है और मोबाइल नंबर 8604415304 है, को भी बेचा गया है। उमेश यादव ने भी कुछ गहने छिपाकर कहीं रखे हैं। ओम प्रकाश सेठ ने स्वीकार किया कि वह धर्मेंद्र यादव और उमेश यादव से चोरी का गहना खरीदता था तथा उन्हें उसका 65 प्रतिशत मूल्य देता था।