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Sonbhadra News: डूबते सूर्य को दिया गया शाम का अर्घ्य, व्रतियों ने पानी में खड़े होकर की पूजा.

छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। सोनभद्र के चोपन सहित विभिन्न छठ घाटों पर लगातार बारिश ने बाधा डाली, लेकिन इसके बावजूद व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।

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8:10 PM, Oct 27, 2025

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 Sonbhadra News: डूबते सूर्य को दिया गया शाम का अर्घ्य, व्रतियों ने पानी में खड़े होकर की पूजा.
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बारिश में व्रती महिला शाम का अर्घ्य देती हुई.

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Story By: चंदन कुमार, चोपन।

सोनभद्र।

छठ महापर्व के तीसरे दिन रविवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया गया। सोनभद्र के चोपन सहित विभिन्न छठ घाटों पर लगातार बारिश ने बाधा डाली, लेकिन इसके बावजूद व्रती महिलाओं ने पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पित किया।

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बारिश इतनी तेज थी कि कई लोग छठ घाट तक नहीं पहुँच पाए और सुरक्षित ठिकानों पर छिपते नजर आए। घाट पर मौजूद लोगों को नेटवर्क की समस्या से भी जूझना पड़ा, जिससे संचार में बाधा आई।

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कुछ श्रद्धालु छठ घाट पर बारिश की वजह से वाहन से पहुंचे लेकिन बारिश की वजह से दलदली मिट्टी में घण्टों फसे रहे।

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संध्या अर्घ्य के दौरान बांस की टोकरी में फल, फूल, ठेकुआ, चावल के लड्डू, गन्ना, मूली और कंदमूल जैसे प्रसाद रखे गए। व्रतियों ने अपनी संतान की लंबी आयु, अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखा।

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कार्तिक मास की षष्ठी तिथि पर डूबते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा है। मान्यता है कि इस समय सूर्यदेव अपनी दूसरी पत्नी प्रत्युषा के साथ होते हैं।

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उन्हें अर्घ्य देने से जीवन की सभी समस्याएं दूर होती हैं, सौभाग्य में वृद्धि होती है और बच्चों का जीवन सूर्य के समान चमकता है।

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अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा, जब सूर्य अपनी पत्नी उषा के साथ होते हैं। उषा के साथ सूर्यदेव को अर्घ्य देने से वंश में वृद्धि होती है। मंगलवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही इस महापर्व का समापन होगा।

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छठ पर्व जात-पात और अमीर-गरीब का भेद मिटाकर सभी को एक समान मानता है, जिससे हर जगह भक्तिमय माहौल बना हुआ है। नगर और ग्रामीण इलाकों में छठ पर्व धूमधाम से मनाया गया।

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दिन में व्रतियों ने गेहूं, घी और शक्कर से ठेकुआ तथा चावल, घी और शक्कर से लड्डू जैसे पारंपरिक प्रसाद तैयार किए। इन प्रसादों को बांस के सूप, डाला, दौरा और टोकरी में सेब, केला, अमरूद, नींबू सहित अन्य फलों के साथ सजाया गया।

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जिले के विभिन्न स्थानों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। NCL बिना क्षेत्र स्थित तालाब में छठ पूजा की व्यवस्था की गई।

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जहां व्रती महिलाओं ने पूछा अर्चना की। प्रशासनिक अधिकारी और पुलिसकर्मी सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुस्तैद रहे।उगते सूर्य को अर्घ्य देने के लिए व्रती सूर्योदय से पहले ही घाटों पर पहुंचना शुरू कर देंगे।

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इसके बाद 36 घंटे के कठिन निर्जला व्रत का पारण किया जाएगा।घरों से लेकर घाटों तक भक्तिपूर्ण माहौल बना रहा और भक्ति के गीत गूंजते रहे, जिससे पूरा वातावरण छठमय हो गया।


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