क्राइम/न्यूज़/sonbhadra news a case of illegal occupation of 1856 police station land came to light on the complaint the district magistrate constituted a three tier committee

Sonbhadra News: 1856 के थाने की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला आया सामने, शिकायत पर जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय समिति गठित की.

सोनभद्र के घोरावल कस्बे में वर्ष 1856 में अंग्रेजी हुकूमत के समय बने एक थाने की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। स्थानीय लोगों ने इस संबंध में जिलाधिकारी से शिकायत की है, जिसके बाद जिलाधिकारी ने एसडीएम की अध्यक्षता में एक त्रिस्तरीय समिति का गठन किया है।

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6:07 PM, Dec 15, 2025

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Sonbhadra News: 1856 के थाने की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला आया सामने, शिकायत पर जिलाधिकारी ने त्रिस्तरीय समिति गठित की.
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जिलाधिकारी से मुलाकात कर अवैध कब्जे को तत्काल रोकने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग।

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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों सोनभद्र।

सोनभद्र।

नगर पंचायत घोरावल में वर्ष 1856 में निर्मित थाना भवन की जमीन पर अवैध कब्जे का मामला सामने आया है। घोरावलवासियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राजेश कुमार के नेतृत्व में जिलाधिकारी से मुलाकात कर अवैध कब्जे को तत्काल रोकने और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष राकेश कुमार, व्यापार मंडल अध्यक्ष दया शंकर गुप्ता और जिला महासचिव एवं प्रवक्ता कांग्रेस इनामूल हक अंसारी शामिल थे। उन्होंने कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को आबादी की जमीन पर हो रहे इस अवैध कब्जे से अवगत कराया। पूर्व नगर पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि अंग्रेजी हुकूमत के दौरान वर्ष 1856 में इस भवन में थाने का संचालन होता था।

वर्ष 1872 में नगर पंचायत घोरावल का निर्माण हुआ। यह थाना भवन नगर पंचायत की आबादी की जमीन आराजी नंबर 378मी पर बना था और आजादी के बाद भी यहां थाने का संचालन जारी रहा। घोरावल थाने का नए भवन में स्थानांतरण होने के बाद कुछ समय तक इस भवन में तहसील का संचालन हुआ, और फिर कुछ समय के लिए पुलिस चौकी भी संचालित की गई। जमीन में नगर पंचायत की भी हिस्सेदारी होने के कारण इसकी देखरेख की जिम्मेदारी नगर पंचायत को सौंप दी गई थी। लगभग 170 वर्षों तक यह थाना भवन नगर पंचायत की आबादी पर आबाद रहा।हालांकि, पिछले कुछ दिनों से कुछ स्थानीय लोगों के सहयोग से कई सफेदपोश लोगों की निगाह इस करोड़ों की जमीन पर थी।

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पिछले तीन दिनों से भूमाफियाओं ने दर्जनों हथियारबंद लोगों की मदद से नगर के बीचोंबीच बने इस थाना भवन को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया और बाउंड्री वॉल लगा दी। शिकायत के बावजूद नगर पंचायत, तहसील प्रशासन और पुलिस प्रशासन मूकदर्शक बने रहे। प्रतिनिधिमंडल ने जिलाधिकारी से अवैध कब्जे को तत्काल प्रभाव से रोकने और दोषी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग दोहराई। जिलाधिकारी ने इस शिकायत का संज्ञान लेते हुए एक त्रिस्तरीय समिति का गठन किया है। इस घटना को लेकर स्थानीय नागरिकों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। लोग यह चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यदि पुलिस विभाग अपनी जमीन को नहीं बचा सकता, तो आम नागरिकों की संपत्तियों का क्या होगा।


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