Sonbhadra News: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण बहादुरी के लिए CISF कर्मियों को DG's Disc से सम्मानित किया गया.
CISF मुख्यालय में हुए एक समारोह में CISF के महानिदेशक ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस और बेहतरीन ऑपरेशनन प्रदर्शन के लिए 19 CISF कर्मियों को प्रतिष्ठित DG's Disc से सम्मानित किया।
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8:51 PM, Dec 8, 2025
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दुश्मन की भारी गोलाबारी के बीच, CISF के जवानों ने बहुत हिम्मत, धैर्य और पेशेवरता दिखाया।
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरों।
CISF मुख्यालय में हुए एक समारोह में CISF के महानिदेशक ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान असाधारण साहस और बेहतरीन ऑपरेशनन प्रदर्शन के लिए 19 CISF कर्मियों को प्रतिष्ठित DG's Disc से सम्मानित किया। यह सम्मान मई 2025 में सीमा पार दुश्मनी के एक नाजूक दौर के दौरान जम्मू और कश्मीर में उरी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पापर प्रोजेक्ट्रम (UHEP-I & II) की सुरक्षा में उनकी अहम भूमिका को संम्मानित करता है।
ऑपरेशन सिंदूर, जिसे भारतीय सेना ने 06-07 मई 2025 की दरमियानी रात को अंजाम दिया, के दोरान पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लाइन ऑफ कंट्रोल के पार स्थित एक आतंकवादी ठिकाने को निशाना बनाया। जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय इलाके में तेज और बिना सोचे-समझे गोलाबारी शुरू कर दी, जिससे उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स सहित जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर और आस-पास की आम आबादी को गंभीर खतरा पैदा हो गया। लाइन ऑफ कंट्रोल में कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर स्थित NHPC प्रतिष्ठानों पर तैनात CISF इकाइयां, इस अचानक बढ़े तनाव के बीच स्वयं को सीधे प्रभाव क्षेत्र में पाया। दुश्मन की भारी गोलाबारी के बीच, CISF के जवानों ने बहुत हिम्मत, धैर्य और पेशेवरता दिखाया।
कमांडेंट रवि यादव के नेतृत्व में, उप कमांडेंट मनोहर सिंह और सहायक कमांडेंट सुभाष कुमार के सक्षम सहयोग से, CISF टीमों ने ठिकानों और आसपास की बस्तियों की सुरक्षा हेतु त्वरित एवं संगठित बचाव कार्य शुरू किए। उन्हें आने वाले सेल के रास्तों का रियल-टाइम एनालिसिस किया, सुरक्षित जोन की पहचान की और लोगों को बनकर शेल्टर में शिफ्ट करने का इंतजाम किया। लगातार जारी मोजावारी के बीच, जैसे ही शेल रिहायशी परिसरों के निकट गिरने लगे, CISF के कर्मियों ने घर-घर पहुंचकर नागरिकों जिनमें महिलाएं, बच्चे, NHPC के कर्मचारी एवं उनके परिवार शामिल थे-का सुरक्षित निकास सुनिश्चित किया।
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उनकी त्वरित और निडर कार्रवाई के परिणामस्वरूप लगभग 250 नागरिकों का सुरक्षित निकास संभव हो सका और किसी भी जनहानि को रोका गया। लगातार गोलाबारी परिसर के बेहद निकट तक पहुँचने के बावजूद कर्मियों ने बंकरों को मजबूत करना जारी रखा, POLNET और सेटेलाइट प्रणालियों के माध्यम से संचार व्यवस्था बनाए रखी, और आपातकालीन सहायता उपलव्ध कराते रहे। सबसे चुनौतीपूर्ण क्षणों के दौरान 15 जवानों ने प्रतिष्ठानों का निशाना बनाने आए दुश्मन ड्रोन को सफलतापूर्वक निष्क्रिय किया और संभावित क्षति को रोकने हेतु हथियारों का त्वरित पुनर्वितरण कर हथियार भंडार को सुरक्षित किया। इस पुरे संकट के दौरान उनकी सतर्कता और तैयारी की वजह से जरूरी राष्ट्रीय संपत्ति की सुरक्षा बनी रही।
इस मौक पर CISF के महानिदेशक ने कहा कि इन कर्मियों ने 'बल की सर्वोच्च परंपराओं का बनाए रखते हुए, गंभीर खतरे के बीच अद्वितीय साहस और राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति अटूट प्रतिवद्धता का परिचयः दिया। उनकी मानवीय पहल की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनका आचरण CISF के मूलमंत्र ‘संरक्षण एवं सुरक्षा' का एक शानदार उदाहरण है। स्थानीय समुदाय तथा NHPC अधिकारियों ने भी CISF के समयोचित और प्रभावी हस्तक्षेप की सराहना की, जिसकी बदौलत दुश्मन की कार्रवाई के दोरान एक भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ। इन 19 जवानों को दिया गया DG's Disc उनकी बहादुरी और मजबूत हौसले की पहचान है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान उनका कार्य देशभर के CISF कर्मियों को आगे भी प्रेरित करता रहेगा।
