Sonbhadra News: नवजात बच्ची की रहस्यमयी मौत पर पिता के परिजनों का जमकर हंगामा, जांच में जुटी पुलिस.
Sonbhadra News: नवजात बच्ची की रहस्यमयी मौत पर पिता के परिजनों का जमकर हंगामा, जांच में जुटी पुलिस.
12:00 AM, Jul 27, 2025
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Story By: विकास कुमार हलचल, ब्यूरो सोनभद्र।
सोनभद्र।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दुद्धी में एक नवजात बच्ची की रहस्यमयी मौत और उसके गुप्त दफनाने का मामला अब तूल पकड़ चुका है। अस्पताल में रविवार को उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब नवजात की मां फुलवंती (29), पत्नी रंग बहादुर, निवासी बिड़र द्वारा बच्ची की मौत और दफनाने की जानकारी सामने आई। ससुराल पक्ष ने जब यह सुना, तो अस्पताल में पहुंचकर हंगामा कर दिया। दोनों पक्षों की तकरार इतनी बढ़ी कि मौके पर डायल 112 को बुलाना पड़ा और पुलिस को हस्तक्षेप कर मामला शांत कराना पड़ा।
फुलवंती का कहना है कि शुक्रवार रात 8:35 बजे उसे सीएचसी दुद्धी में भर्ती कराया गया था, जहां सामान्य प्रसव के दौरान उसने एक बच्ची को जन्म दिया। बच्ची के जन्म के बाद कोई ससुराल पक्ष का व्यक्ति उसे देखने नहीं आया। पति को फोन किया तो उसने साफ कह दिया- मर रही हो तो मरो, हमें मत बताया करो और फोन काट दिया। शनिवार सुबह नवजात की अचानक तबीयत खराब हुई और फिर मौत हो गई। तब मायके पक्ष की मदद से बच्ची को लावा नदी किनारे दफनाया गया। महिला का कहना है कि इस दौरान उसने अस्पताल प्रशासन को नहीं बताया क्योंकि वह खुद मानसिक रूप से टूट चुकी थी।
बच्ची की मौत और दफन की बात सामने आते ही महिला के ससुराल पक्ष ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि फुलवंती पहले से ही चार बेटियों और एक बेटे की मां है। ऐसे में एक और बेटी का जन्म होने पर उसके मायके वालों ने मिलकर बच्ची को ठिकाने लगा दिया।महिला के ससुर ने कहा- बच्ची जिंदा हो या मरी हुई, परिवार को दिखाया जाना चाहिए। ऐसे चुपचाप दफनाना बेहद संदिग्ध है।
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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. शाह आलम अंसारी ने बताया कि महिला को शुक्रवार रात 8:35 पर भर्ती किया गया था। उसने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया था, जिसका वजन 3 किलो 490 ग्राम था। महिला के अनुसार, बच्ची की शनिवार को मौत हो गई है, लेकिन अस्पताल प्रशासन को इसकी कोई सूचना नहीं दी गई। ना तबीयत खराब होने की जानकारी दी गई और ना ही मौत की। डॉ. अंसारी ने यह भी कहा कि मामला पूरी तरह पारिवारिक प्रतीत होता है, लेकिन अस्पताल प्रशासन की नजर में यह घटना संदिग्ध है।
फुलवंती के बयानों में लगातार विरोधाभास देखा जा रहा है। कभी वह कहती है कि बच्ची की अचानक मौत हो गई, कभी कहती है कि बच्ची को उसने अपनी मां के साथ दफनाया। पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार, बच्ची को लावा नदी किनारे दफनाया गया है। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नदी किनारे सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अब तक नवजात का कोई सुराग नहीं लग पाया है। इससे मामले को लेकर और संदेह गहराता जा रहा है। पुलिस इस मामले की जांच तीन कोणों से कर रही है।
बच्ची की प्राकृतिक मौत और समय पर अस्पताल को जानकारी ना देना,बच्ची की हत्या, संभवतः लड़की होने के कारण,पारिवारिक दबाव या भय, जिसके कारण नवजात को छुपाकर दफनाया गया। फुलवंती के मायके और ससुराल पक्ष के बीच लंबे समय से तनाव चल रहा है। पति मुंबई में निजी कंपनी में काम करता है और घटना के वक्त मौजूद नहीं था। अस्पताल और गांव में लोग लगातार इस घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं – बच्ची के मरने की जानकारी डॉक्टर और ससुराल पक्ष क्यों नहीं दी गई तो उसे दिखाया क्यों नहीं गया, गुप चुप तरीके से क्यों दफनाने भेज दिया गया।
कोतवाल मनोज कुमार सिंह ने बताया की दोपहर बच्चा चोरी हो जाने की सूचना दी गई थी। जो जांच के बाद गलत पाई गई। बच्चे दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जन्म ली थी उसकी मां ने बताया कि उसकी मौत हो गई परंतु इसकी जानकारी ना ही अस्पताल के चिकित्सकों को है ना ही महिला के ससुराल वालों को। महिला के द्वारा बच्ची को दफनाए जाने वाले जगह को सर्च कराया गया लेकिन बच्ची का कहीं सुराग नहीं मिला, प्रकरण की जांच की जा रही है।